सड़कों पर नजर नहीं हुरियारे, चप्पे-चप्पे पर रही पुलिस की नजर

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इस बार न रंगों के गुबार थे न सड़कों पर हुरियारों से बचने की कवायद। न राजवाड़े पर हजारों का जमावड़ा नजर आया। न एक-दूसरे को पानी से तरबतर करने की होड। इस बार की रंगपंचमी बेरंग थी। चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा था। बेरिकेडिंग कर सड़कों को इस तरह से बंद कर दिया गया था कि गलियों तक से गुजरना आसान न था। जहां तक नजर जाती थी लोगों का हुजूम नहीं बल्कि सूनी सड़क दिखाई पड़ती थी। इक्का-दुक्का वाहन जरूर नजर आए लेकिन उन्हें भी पुलिस की तफ्तीश से गुजरना पड़ रहा था।

ये हालात थे शुक्रवार सुबह 11 बजे के लगभग मल्हारगंज, खजूरी बाजार, जवाहर मार्ग क्षेत्र के। अघोषित लाकडाउन के चलते लोग घरों में ही कैद रहे, जो बाहर निकले वे पुलिस की पूछताछ से परेशान होकर जल्दी ही लौट आए। इस बार रंगपंचमी की गेर नहीं नकली। मल्हारगंज से राजवाड़ा तक हर बार सड़क रंगों से तरबरतर हो जाती थी लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। चौराहे-चौराहे पर पुलिसकर्मी तैनात थे। गौराकुंड चौराहा, मल्हारगंज, खजूरी बाजार, राजवाड़ा हर जगह सड़कों को बंद कर दिया गया था। सड़कों पर इक्का-दुक्का वाहन नजर आए। लोग सिर्फ बहुत जरूरी कामों से ही बाहर निकले। मारोठिया, बोहरा बाजार की सडकें भी पूरी तरह से बंद थीं।

पोहे की दुकान पर नजर आई भीड़, चंद पलों में गायब हो गए ग्राहक

नरसिंह बाजार चौराहे पर पोेहे की एक दुकान पर सुबह 11 बजे के लगभग अच्छी खासी भीड़ नजर आ रही थी। चंद कदम दूरी पर बैठे पुलिसकर्मी भी मूकदर्शक बने देखते रहे। इस बीच खबर मीडिया तक पहुंची। मीडियाकर्मियों के पहुंचते ही भीड़ तितर-बितर हो गई।

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