विद्वान अपर सत्र न्यायाधीश भू भास्कर यादव की अदालत ने हत्या के एक मामले में आरोपी तेजराम पिता चतुर तिल्लासी 30 वर्ष ग्राम बोरी थाना बिरसा निवासी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस आरोपी के विरुद्ध अपने ही गांव के एक युवक की कुल्हाड़ी मारकर हत्या करने का आरोप था। विद्वान अदालत ने इस आरोपी को आजीवन कारावास के अलावा 25000 रुपये अर्थदंड से भी दंडित किए हैं। वही विद्वान अदालत ने मृतक की पत्नी व संतान को पीड़ित प्रतिकर योजना अंतर्गत उचित क्षतिपूर्ति दिलाए जाने हेतु आदेश दिए हैं। इस मामले में शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक अशोक कुमार वाट द्वारा पैरवी की गई थी।
अभियोजन के अनुसार यह घटना 2019 मैं हुई थी। ग्राम बोरी निवासी तेजराम और उसी के गाव के शैलेंद्र तिल्लासी के बीच किसी बात को लेकर विवाद चल रहा था। इस विवाद के चलते 13 जनवरी 2019 की रात 8:30 बजे ग्राम बोरी के मदनपुर फा के पास शैलेंद्र और तेजराम के बीच झगड़े की आवाज वहीं रहने वाले बलदेव सोनवाने ने सुनी थी।जिसके कुछ देर बाद शैलेंद्र के चिल्लाने की आवाज आई की पानी लो पानी लाओ। तब बलदेव सोनवाने ने जाकर देखा। शैलेंद्र जमीन पर गिरा हुआ था। उसके चेहरे से खून निकल रहा था। बलदेव के पूछने पर शैलेंद्र ने बताया था कि उसे तेजराम ने मार दिया है। कुछ देर बाद शैलेंद्र को होश आने पर उसे बिरसा अस्पताल ले जाकर भर्ती किए । शैलेंद्र को चोट गम्भीर होने से उसे नागपुर रेफर किया गया था। बलदेव सोनवाने की सूचना पर बिरसा पुलिस थाने में तेजराम के विरुद्ध धारा 294 323 506 भादवि के तहत मामला दर्ज किया गया था। उपचार के दौरान तेजराम के पिता चतुर तिल्लासी ने नागपुर जाकर शैलेंद्र के पिता को आश्वस्त किया था कि शैलेंद्र के उपचार में जो भी खर्चा होगा वह भुगतान करेगा और एक स्टांप पर समझौता पत्र भी लिखा गया था। मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान 26 जनवरी 2019 को शैलेंद्र की मौत हो गई ।थाना अंजनी नागपुर में शून्य पर मर्ग दर्ज किया गया। शैलेंद्र के शव का परीक्षण कराया गया और सभी दस्तावेज पुलिस थाना बिरसा भेजा गया था। जहां मर्ग जांच मैं पाया गया था कि तेजराम द्वारा कुल्हाड़ी से प्रहार करने के कारण शैलेंद्र की मौत हुई थी। अंततः धारा 302 भादवि का अपराध बढ़ाकर आरोपी तेजराम को गिरफ्तार किया गया और उसके विरुद्ध अभियोग पत्र पेश किया गया था। बैहर के विद्वान अपर सत्र न्यायाधीश भू भास्कर यादव की अदालत में चलते इस मामले में अभियोजन पक्ष शैलेंद्र की हत्या करने के आरोप में तेजराम के विरुद्ध धारा 302 भादवि के तहत आरोपित अपराध सिद्ध करने में सफल रहा। जिसके परिणाम स्वरुप विद्वान अदालत ने मामले की समस्त परिस्थिति और अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपी तेजराम को धारा 302 भादवि के तहत अपराध में आजीवन कारावास और 25 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किये। विद्वान अदालत ने अर्थदंड वसूल हो जाने पर अपील अवधि पश्चात अपील न होने की दशा में प्रतिकर स्वरूप 25 हजार रुपये मृतक शैलेंद्र की पत्नी व संतान को प्रदान किये जाने और साथ ही पीड़ित प्रतिकर योजना के अंतर्गत मृतक की पत्नी संतान को उचित क्षति पूर्ति दिलवाये जाने हेतु सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बालाघाट से अनुशंसा की है।