हत्या के मामले में सजा होने की भनक लगते ही आरोपी अदालत से फरार

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विद्वान अदालत में हत्या के मामले में सुनवाई के दौरान एक आरोपी सजा होने की भनक लगते ही अदालत से फरार हो गया ।यह आरोपी राजेश लिल्हारे 46 वर्ष नगर के वार्ड नंबर 10 रजानगर बालाघाट निवासी है। जिसके विरुद्ध अपने बेटे देवेंद्र लिल्हारे के साथ अपने छोटे भाई दिनेश लिल्हारे की घर में घुसकर हत्या करने वही अपनी मां भभूता बाई को भी मारपीट करने का आरोप है । विद्वान सत्र न्यायाधीश दिनेश चंद्र थपलियाल की अदालत ने हत्या की इस मामले में राजेंद्र लिल्हारे और उसके बेटे देवेंद्र लिल्हारे को आजीवन कारावास और 21हजार रुपये अर्थदंड दंडित किए हैं। विद्वान अदालत द्वारा फरार आरोपी राजेश लिल्हारे के विरुद्ध स्थाई वारंट जारी किया जाएगा। आरोपी देवेंद्र लिल्हारे को सजा सुनाई जाने के बाद उसे जिला जेल भिजवा दिया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर के वार्ड नंबर 10 रजा नगर निवासी दिनेश लिल्हारे और राजेश लिल्हारे दोनों सगे भाई है और दोनों अपने परिवार के साथ अलग रहते हैं और दोनों भाई के बीच घरेलू विवाद के चलते रंजीश बनी हुई थी। अभियोजन के अनुसार 6 जून 2022 की शाम करीब 6:00 बजे प्लांट की बाड़ी में कचरा जलाने के बात को लेकर राजेश लिल्हारे के बेटे देवेंद्र लिल्हारे ने शराब के नशे में दिनेश लिल्हारे की पत्नी धनवंती लिल्हारे और उसके परिवार वालों को गाली गलौज किया था। जिसकी रिपोर्ट धनवंती लिल्हारे के द्वारा डायल 100 को दी गई थी और उसने कोतवाली में देवेंद्र लिल्हारे के खिलाफ रिपोर्ट की थी। इस घटना के पश्चात उसी दिन की रात्रि करीब 10:30 बजे जब दिनेश लिल्हारे अपनी पत्नी धनवंती लिल्हारे और मां भभुताबाई लिल्हारे के साथ घर में था। तभी राजेश लिल्हारे अपने बेटे देवेंद्र लिल्हारे के साथ हाथों में डंडा लेकर दिनेश लिल्हारे के घर में घुस आए और दोनों पिता पुत्र दिनेश लिल्हारे को गाली गुप्तार करने लगे।। दिनेश लिल्हारे ने उन्हें गाली देने से मना किया ।तब राजेश लिल्हारे अपने बेटे देवेंद्र लिल्हारे के साथ अपने भाई दिनेश लिल्हारे को डंडे से मारपीट करने लगे। डंडे से की गई मारपीट में दिनेश लिल्हारे को पसली, सीने के अलावा अंदरूनी चोटें आई ।बीच बचाव करने के लिए जब मां भभूता बाई गई तो उन्हें भी मारपीट करके चोट पहुंचाई गई थी। झगड़े की आवाज सुनकर मोहल्ले पड़ोस के लोग भी मौके पर आ गए थे। धनवंती बाई अपने बेटे हरी और देवर अनिल दमाहे के साथ सास भभूता बाई को लेकर रिपोर्ट करने के लिए कोतवाली गई ।बाद में घर आकर मारपीट में घायल दिनेश लिल्हारे को इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर गए। जिला अस्पताल में उपचार के दौरान रात्रि 1:00 बजे दिनेश लिल्हारे की मौत हो गई। कोतवाली के तत्कालीन उपनिरीक्षक रविशंकर कौशल ने धनवंती बाई द्वारा की गई रिपोर्ट पर भभुता बाई का मुलाहिजा करवाया और मृतक दिनेश लिल्हारे की लाश पंचनामा करवाई पश्चात पोस्टमार्टम करवा कर उनके परिजनों को सौंप दिए थे। इस मामले में राजेश लिल्हारे और उसके बेटे देवेंद्र लिल्हारे के विरुद्ध धारा 450 302 34 भादवी और 323 34 भादवि के तहत अपराध दर्ज कर दोनों पिता पुत्र को इस अपराध में गिरफ्तार करने के बाद विवेचना अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र विद्वान अदालत में पेश किया गया था। यह मामला विद्वान सत्र न्यायाधीश दिनेश चंद्र थपलियाल की अदालत में चला। जहा पर अभियोजन पक्ष आरोपी राजेश लिल्हारे और उसके बेटे देवेंद्र लिल्हारे के विरुद्ध आरोपित अपराध सिद्ध करने में सफल रहा। जिसके परिणाम स्वरूप विद्वान अदालत ने मामले की समस्त परिस्थितियों को देखते हुए अपने विवेचन निष्कर्ष और उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर आरोपी देवेंद्र लिल्हारे और उसके पिता राजेश लिल्हारे को धारा 450 भादवि के तहत अपराध में 5 वर्ष का सश्रम कारावास और प्रत्येक तीन-तीन हजार रुपये अर्थदंड, धारा 302 34 भादवि के तहत अपराध में आजीवन कारावास और प्रत्येक को सात-सात हजार रुपए अर्थदंड, धारा 323 34 भादवि के तहत अपराध में तीन माह का सश्रम कारावास और प्रत्येक को पांच-पांच सौ रुपये अर्थदंड से दंडित किया गया। ज्ञात होगी 10 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई के दौरान देवेंद्र लिल्हारे और उसका पिता राजेश लिल्हारे अदालत में उपस्थित हुए थे और अदालत परिसर में ही थे तभी राजेश लिल्हारे को सजा होने की भनक लगते ही वह न्यायालय परिसर से फरार हो गया। विद्वान अदालत द्वारा देवेंद्र लिल्हारे को सजा सुनाने के बाद उसे जेल भिजवा दिया गया है। ज्ञात होगी विद्वान अदालत ने अर्थ दंड की राशि जमा होने पर 20 हजार रुपये की राशि क्षतिपूर्ति स्वरूप मृतक दिनेश लिल्हारे के विधिक वारिशों को प्रदान किए जाने के आदेश पारित किए हैं। इस मामले में शासन की ओर से पर भी लोग अभियोजक मदन मोहन द्विवेदी द्वारा की गई थी।

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