200 से ज्यादा गांव बाढ़ से घिरे, सेना ने मोर्चा संभाला

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प्रदेश के विदिशा, रायसेन, राजगढ़, गुना जिले में उफान पर आई बेतवा नदी ने कहर बरपा दिया। क्षेत्र के करीब 200 से ज्यादा गांव बाढ़ से घिर गए। विदिशा जिले में राहत व बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के साथ मंगलवार को सेना को मोर्चा संभालना पड़ा। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा व राजगढ़ जिले में बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वे किया और विदिशा के छोटी चिरावदा व बिचकावली गांव में बोट से पहुंचे। इन गांवों में 200 से अधिक लोग फंसे हुए थे। यहां उन्होंने बाढ़ प्रभावितों को समुचित मदद के साथ ही नुकसान की भरपाई का आश्वासन दिया और दो परिवारों को अपनी बोट पर साथ लेकर लौटे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने अपने जीवन में भोपाल और आसपास बेतवा व नर्मदा बेसिन में ऐसी वर्षा नहीं देखी। हमने दो दिन में 4300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया था और रेस्क्यू कर 2100 से ज्यादा लोग निकाले गए हैं। विदिशा जिले के अलग गांवों से सेना के हेलिकाप्टरों से 50 लोगों को एयरलिफ्ट कराया गया। मध्य प्रदेश में भारी वर्षा का दौर अब थम गया है। मूसलधार वर्षा करा रहा गहरा कम दबाव का क्षेत्र अब राजस्थान की तरफ चला गया है। इस कारण दो-तीन दिन तक प्रदेश में कहीं भी भारी वर्षा की संभावना नहीं है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक दो-तीन दिन बाद रीवा, शहडोल जिलों में एक बार फिर वर्षा का दौर शुरू हो सकता है। इस सीजन में मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे तक मप्र में कुल 917.3 मिमी. वर्षा हो चुकी है, जो सामान्य वर्षा (707.3 मिमी.) की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है। पश्चिमी मप्र में 961.1 मिमी. वर्षा हुई है। यह सामान्य वर्षा (654.1 मिमी.) के मुकाबले 47 प्रतिशत अधिक है। मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित कैबिनेट बैठक निरस्त करते हुए मंत्रियों के साथ वीडियो काल से संवाद किया। कहा कि मैं बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में निकल रहा हूं। आप (मंत्री) सभी बाढ़ प्रबंधन और राहत कार्यों में जुट जाएं। प्रदेश के आधे जिलों में भारी वर्षा की संभावना है। बाढ से बचाव के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।

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