40 साल 1माह का शासकीय कार्यकाल किया पूरा

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जिला जेल बालाघाट में जेलर के पद पर पदस्थ उपजेल अधीक्षक पन्नालाल नगपुरे ने 31 जुलाई सेवानिवृत्त हो गए।जो पूरे 40 साल एक माह के शासकीय कार्यकाल पूरा कर बुधवार को सेवानिवृत्त हुए है। उनके इस कार्यकाल के प्रति सम्मान प्रकट कर उन्हें बिदाई देने के लिए जेल अधीक्षक रामलाल सहलाम के नेतृत्व में जेल परिसर में बिदाई समारोह का आयोजन किया गया। आयोजित समारोह के दौरान बारी-बारी से उपस्थित जनों ने उपजेल अधीक्षक पन्नालाल नगपुरे को फूल मलाए ,शाल श्रीफल भेंट कर उनका सम्मान किया, तो वहीं हर किसी ने उनके कार्यकाल को याद करते हुए उनसे मिले सहयोग की सहाना की। वही मुंह मीठा कराकर उनके उज्जवल भविष्य और बेहतर स्वास्थ्य की कामनाओं के साथ उन्हें विदाई दी।

जैसा अनुशासन बालाघाट में वैसा कही नहीं- नगपुरे
सेवानिवृत्ति के अवसर पर उपजेल अधीक्षक ने बताया कि उनकी सेवा को पूरे 40 साल एक माह हो चुके है वे 1984 में शासकीय सेवा के इस कार्य क्षेत्र में आए है और तब से ही उन्होंने प्रदेश के कई जिलों की जेल में अपनी सेवाएं दी है। उन्होंने बताया कि जब उनका स्थानातंरण बालाघाट जिला जेल में हुआ तो वे यहां आने को लेकर कतरा रहे थे लेकिन शासन के आदेश का पालन करते हुए वे यहां आए और यहां जिला जेल में जो अनुशासन उन्हें देखने को मिला है वैसा अनुशासन कहीं ओर भी नहीं है। यहां जेल स्टाफ के साथ ही बंदी प्रहरी भी पूरे अनुशासन के साथ अपना काम करते है। जिससे जेल का संचालन करने में किसी भी प्रकार समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि जेल का काम बहुत ही संवेदनशील होता है। यहां कार्य के दौरान कई बार अपने पारिवारिक कर्तव्य से तक दूर हो जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान उनके कोई भी शब्दों से यदि किसी को कोई भी ठेस पहुंची होगी तो उसके लिए वे क्षमा मांगते हैं।

जब जरुरत पड़ेगी लेंगे मार्गदर्शन -सहलाम
सेवानिवृत्ति समारोह के अवसर पर जेल अधीक्षक रामलाल सहलाम ने बताया कि शासकीय कार्य के क्षेत्र में बिना किसी व्यवधान के 40 साल का कार्यकाल पूरा करना और उसके बाद भी शारीरिक रुप से स्वस्थ्य रहना ये अपने आप में बड़ी बात है।पन्नालाल प्रजापति का यह कार्यकाल निश्चिततौर में एक मार्गदर्शक में रुप में आगामी समय में काम आएगा और हम लोगों को जब भी उनके मार्गदर्शन की आवश्यकता पड़ेगी हम उनसे मार्गदर्शन लेते रहेंगे। बिदाई समारोह के अवसर पर बारी-बारी से उनका शाल-श्रीफल से सम्मान किया गया। इस अवसर पर उनके परिजनों के साथ ही जेल स्टाफ, जेल प्रहरी सहित अन्य मौलूद रहे।

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