नई दिल्ली: इस समय काफी लोग एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं। निवेश की रकम हर महीने बैंक अकाउंट से अपने आप कट (ऑटो डेबिट) जाती है। लेकिन क्या होगा कि कभी बैंक अकाउंट में उतनी भी रकम न हो और अकाउंट से एसआईपी की रकम न कट पाए? ऐसे में बैंक भारी जुर्माना वसूलते हैं। ऐसा ही अनुभव एक रेडिट यूजर ने शेयर किया है।
रेडिट यूजर (complex_nutmeg69420) ने बताया कि उनके पिताजी को 590 रुपये का जुर्माना देना पड़ा। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उनके बैंक खाते में पर्याप्त पैसे नहीं थे। उनके खाते से म्यूचुअल फंड एसआईपी के लिए ऑटो डेबिट होता था। बैंक अकाउंट में पैसे कम होने के कारण ICICI बैंक ने जुर्माना लगाया।
बैंक को किया ईमेल
यूजर ने कहा, ‘मेरे पिताजी के ICICI बैंक खाते में म्यूचुअल फंड एसआईपी का ऑटो डेबिट चालू था। यह उनका दूसरा अकाउंट है। 31 तारीख को उनके पहले बैंक का सर्वर डाउन था। इस वजह से ICICI बैंक में समय पर पैसे नहीं पहुंचे। इसलिए हमें 590 रुपये का जुर्माना देना पड़ा। मैंने ICICI बैंक को मेल भेजा है कि वे इस जुर्माने को माफ कर दें।’
छोटे निवेशकों पर बुरा असर
कई बार ऐसा होता है कि लोग हर महीने 500 रुपये या उससे कम का निवेश करते हैं। अगर उनका एक भी पेमेंट बाउंस हो जाता है, तो उन्हें अपनी मासिक किस्त से ज्यादा जुर्माना देना पड़ता है।
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर और Hum Fauji Initiatives के CEO संजीव गोविला का कहना है कि पेनल चार्ज विफलता की तुलना में बहुत ज्यादा लगते हैं। इससे छोटे निवेशकों पर बुरा असर पड़ता है।
क्यों लगाया जाता है जुर्माना?
बैंक ऑटो डेबिट अनुरोधों के विफल होने पर जुर्माना लगाते हैं। दरअसल, ऑटो डेबिट अनुरोध का मतलब है कि आपके बैंक खाते से एक निश्चित राशि अपने आप कट जाती है। यह म्यूचुअल फंड एसआईपी, बीमा प्रीमियम, लोन ईएमआई जैसी चीजों के लिए होता है। ऑटो डेबिट अनुरोधों के लिए नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (NACH), NPCI का UPI ऑटोपे जैसे सिस्टम काम करते हैं। अगर आपके बैंक खाते में ऑटो-पे (स्थायी अनुरोध) को पूरा करने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं, तो बैंक आप पर जुर्माना लगाएगा।