बालाघाट(पदमेश न्यूज)
धान उत्पादक बालाघाट जिले में किसानों को फसल सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में बिजली नहीं दी जा रही है। वही प्रदेश शासन द्वारा बालाघाट जिले का भौगोलिक आंकलन किए बगैर ही प्रदेश के अन्य जिलों की भांति बालाघाट जिले में भी सिंचाई के लिए महज 8 घंटे बिजली देने की योजना बनाई है। जिसका विरोध किसानों द्वारा किया जा रहा है। जहां किसानों द्वारा सिंचाई के लिए 8 घंटे की बिजली देने की जगह 24 घंटे भरपूर बिजली दिए जाने की मांग की गई है। इसी कड़ी में किसानों को 24 घंटे पर्याप्त बिजली देने, धान का समर्थन मूल्य 3100 रु दिए जाने सहित अन्य मांगों को लेकर जनपद पंचायत लालबर्रा क्षेत्र से आए सैकड़ो किसानों ने मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर जमकर नारेबाजी की। जहां उन्होंने आयोजित जनसुनवाई के दौरान एक ज्ञापन सौंपते हुए बिजली सहित अन्य मांगों को पूरा किए जाने की गुहार लगाई है। जनपद पंचायत लालबर्रा उपाध्यक्ष किशोर पालीवाल और जिला पंचायत सदस्य व सभापति डुलेंद्र ठाकरे के नेतृत्व में सौंपे गए इस ज्ञापन में किसानों ने सिंचाई के लिए 24 घंटे बिजली दिए जाने की मांग की है जिन्होंने मांग पूरी करने के लिए शासन प्रशासन को 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। जहां मांग पूरी न होने पर क्षेत्रीय किसानों के साथ एक कर अपनी इस प्रमुख मांग को लेकर कोई ठोस रणनीति बनाने और फिर भी मांग पूरी न होने पर चकाजाम कर उग्र आंदोलन किए जाने की चेतावनी दी है।
इन मांगों को लेकर सौपा ज्ञापन,दी चेतावनी
जनपद पंचायत लालबर्रा क्षेत्र के सैकड़ो किसानों के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचे जनप्रतिनिधियों ने किसानों को कृषि सिंचाई के लिए 8 घंटे बिजली के स्थान पर 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने,शासन द्वारा निर्धारित धान का बोनस सहित समर्थन मूल्य 3100/- रूपये किसानों को प्रदाय करने ,और अमोली एवं लालबर्रा डी.सी. द्वारा किसानों के 24 घंटे में लगे कनेक्शन काटे जा रहे है उन्हे तत्काल बंद कर पूर्व की भांति कनेक्शन यथावत रखने की मांग की। जिन्होंने किसानों की उक्त मागों को गम्भीरता से लेते हुए 15 दिन के भीतर अतिशीघ्र निराकरण करने की गुहार लगाते हुए मांग पूरी ना होने पर किसानों द्वारा उग्र आन्दोलन, धरना प्रदर्शन, कर चकाजाम किए जाने की चेतावनी दी है।
तो किसानों की आय दुगनी कैसे होंगी- डुलेन्द्र
जापान को लेकर की गई चर्चा के दौरान जिला पंचायत सदस्य एंव सभापति डुलेन्द्र ठाकरे ने बताया कि सरकार ने 2015-16 में एक नीति लागु की थी, जिसमें फीडर से किसानों को 8 घंटे बिजली दी जाती है लेकिन यह धान का कटोरा कहे जाने वाले जिले में सही नहीं है, प्रदेश के अन्य जिलो में गेंहू, चना, तुवर और राई की फसल के लिए किसान स्प्रिंकलर से सिंचाई कर सकते है, वहां किसानों को 8 घंटे बिजली दिया जाना पर्याप्त है, लेकिन बालाघाट में जहां अधिकांश किसान, धान की फसल लगाते है, वहां बिजली 24 घंटे प्रदाय होनी चाहिए, ताकि किसान, अपनी फसल की सिंचाई कर उसे पका सके। ताकि सरकार की किसानों की आय दोगुनी करने की सोच, साकार हो सके। उन्होंने बताया कि यदि जिले में 24 घंटे बिजली, किसानों को फसल की सिंचाई के लिए नहीं दी जाती है तो देश सहित विदेशो में जाने वाला जिले के खाद्यान्न का उत्पादन कम हो जाएगा। जिसको लेकर हम, किसान साथियों के साथ सरकार से 24 घंटे बिजली की मांग करने, यहां पहुंचे है।
तो ठोस रणनीति बनाई जाएगी- पालीवाल
वहीं किसानों के साथ ज्ञापन सौपने कलेक्ट्रेट पहुंचे
जनपद पंचायत लालबर्रा उपाध्यक्ष किशोर पॉलीवाल ने बताया कि प्रदेश के अन्य जिलो और बालाघाट की भौगोलिक स्थिति में काफी अंतर है। जिले में पर्याप्त पानी और सिंचाई के साधन है, किसानों के खेतो में सिंचाई के लिए कूप और बड़ी नहरे है, यदि सरकार 24 घंटे बिजली देती है तो इससे, जिले में रबी में धान की अच्छी खेती हो सकती हैं। अन्यथा दुष्परिणाम यह होंगे की, बिजली नहीं मिलने पर रबी में धान की फसल का उत्पादन नहीं होगा। उन्होंने बताया कि रबी में गेंहू और चना के लिए, जिले की जलवायु वैसी नहीं है, जैसी प्रदेश के अन्य जिलो में है। इसलिए हमारी मांग है कि बालाघाट जिले में सिंचाई के लिए किसानों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाए।वहीं अन्य मांगो को भी पूरा किया जाए।यदि ऐसा नही किया जाता तो फिर माँग पूरी करने के लिए समस्त गांव के ग्रामीणों की एक बैठक बुलाकर कोई ठोस रणनीति बनाई जाएगी।