कोलकाता की घटना को लेकर निजी चिकित्सक रहे हड़ताल पर तो शासकीय अस्पताल में चलता रहा इलाज

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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आवाहन पर रखी गई 24 घंटे काम बंद की हड़ताल का जिले में मिलता जुलता असर देखने को मिला। जहां निजी चिकित्सक हड़ताल पर रहे , तो वही शहर के शासकीय अस्पताल में इलाज चलता रहा। जबकि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बालाघाट के पदाधिकारी द्वारा कहा जा रहा था कि उन्हें शासकीय और अशासकीय सभी डॉक्टरों का सहयोग मिलेगा पर ऐसा जिले में देखने को नहीं मिला एवं जिला चिकित्सालय में इलाज होता रहा और सिविल सर्जन द्वारा बताया गया कि वह शासकीय सेवक है इसलिए उनकी कुछ सीमाएं होती है इसलिए वह इस हड़ताल में सम्मिलित नहीं है।

आपको बता दे की कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 8 अगस्त को हुई जूनियर डॉक्टर के साथ घटना को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा एक पत्र जारी कर 17 अगस्त से 18 अगस्त तक 24 घंटे के लिए शासकीय , अशासकीय अस्पतालों में डॉक्टरों की सेवाएं बंद रहेगी और सामान्य ओपीडी से लेकर सर्जरी तक नहीं की जाएगी एवं सिर्फ उस समय इमरजेंसी सेवाएं ही अस्पतालों में शुरू रहेगी ऐसा कहा गया था किंतु जिले की बात करें तो यहां इस हड़ताल का मिलता जुलता असर ही देखने को मिला, जहां एक ओर जिले के निजी चिकित्सकों द्वारा अपने अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं बाधित रखी गई, तो जिला चिकित्सालय बालाघाट में मरीज का इलाज चलता रहा एवं जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन द्वारा बताया गया कि वह एक शासकीय सेवक है इसलिए उनकी कुछ सीमाएं हैं इसलिए वह इस हड़ताल में सीधे रूप से नहीं जा सकते इसलिए जिला चिकित्सालय बालाघाट में कोई भी हड़ताल का असर नहीं रहा , इधर निजी चिकित्सकों द्वारा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारी के साथ शासन को एक ज्ञापन सौपा गया और शाम को हनुमान चौक से अंबेडकर चौक तक कैंडल मार्च निकालकर जूनियर डॉक्टर के साथ हुई घटना का विरोध जताया गया

जिला चिकित्सालय में चालू रही सभी सेवाएं

जिस प्रकार एक दिन पहले 16 अगस्त को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारी द्वारा बैठक कर यह बताया जा रहा था कि जिला चिकित्सालय बालाघाट में भी इस हड़ताल का असर देखने को मिलेगा और यहां पर सामान्य ओपीडी और डॉक्टरों द्वारा मरीजों को चेक नहीं किया जाएगा, सिर्फ यहां इमरजेंसी सेवाएं ही शुरू रहेगी पर ऐसा जिला चिकित्सालय में देखने को नहीं मिला और यहां मरीजों की लंबी कतारे देखने को मिली जहां दिन भर डॉक्टर मरीज का इलाज करते नजर आए और जब हमने इस विषय को लेकर जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन निलय जैन से चर्चा की तो उनके द्वारा बताया गया कि वह भी इस घटना के विरोध में है और वह भी इस प्रकार की हुई घटना की कड़ी निंदा करते हैं किंतु वह एक शासकीय सेवक है और उनकी कुछ सीमाएं हैं इस वजह से वह सीधे इस हड़ताल के साथ नहीं जा सकते और उनके जिला चिकित्सालय में कोई भी हड़ताल पर नहीं है सभी मरीजों का इलाज किया जा रहा है और उनके विभाग में कोई भी डॉक्टर यदि हड़ताल पर जाता है तो वह पहले ही सूचित कर देता है किंतु उन्हें किसी ने भी हड़ताल पर जाने की सूचना नहीं दी है जिससे उन्हें यह स्पष्ट हो गया था कि जिला चिकित्सालय के कोई भी डॉक्टर हड़ताल पर नहीं है नहीं तो वह शासकीय नियमावली का पालन करते हुए नोटिस या सूचना देते कि वह हड़ताल पर जा रहे हैं

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