बालाघाट/ बिरसा थाना क्षेत्र में आने वाले ग्राम चरचेंडी में इसी ग्राम के व्यक्ति बिसराम पिता सोनू बोरीकर 55 वर्ष ने अपने खेत में पलाश के पेड़ में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस व्यक्ति द्वारा पारिवारिक मानसिक तनाव में आकर फांसी लगाने की संभावना व्यक्त की गई है ।बिरसा पुलिस ने इस व्यक्ति का शव पोस्टमार्टम करवा कर उसके परिजनों को सौंप दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बिसराम बोरीकर के परिवार में दो लड़के और तीन बेटी है। दो लड़की की शादी हो चुकी है और सबसे बड़ी लड़की सरला बोरीकर शारीरिक एवं मानसिक रूप से विकलांग है। बिसराम बोरीकर की मां भी लकवा ग्रस्त है जो बिस्तर पर पड़ी रहती है और पत्नी को आख से कम दिखाई देता है। जिससे वह कोई काम धंधा नहीं करती। बिसराम बोरीकर के दोनों लड़के मजदूरी करते हैं और बिसराम बोरीकर खेती किसानी करता था जिसके दोनों लड़के काम करने के लिए बाहर चले जाते हैं। बिसराम बोरीकर ही अपनी पत्नी बेटी और मां की देखभाल करता था। परिवार की इस हालत को देखकर बिसराम बोरीकर मानसिक तनाव में आकर शराब पीता थाऔर गांव वालों को पारिवारिक स्थिति बताता था कि भगवान ने मेरे साथ अन्याय किया है सारा दुख मुझे ही दिया हैम 12 अप्रैल को बिसराम बोरीकर ने अधिक शराब पिया था। रात्रि में बिसराम बोरीकर ने अपने परिवार के साथ खाना खाया और सो गया था। 13 अप्रैल को प्रातः 5:00 बजे बिसराम बोरीकर उठकर बाहर चला गया था। इसके कुछ देर बाद सुबह 6:30 बजे जितेंद्र हरवाने ने बिसराम बोरीकर के बड़े लड़के रवि शंकर बोरीकर को फोन करके बताएं कि तुम्हारे पिता जी नल खेत में पलाश के पेड़ में फांसी पर लटके हुए हैं। तब रविशंकर बोरीकर ने अपने गांव के लोगों के साथ जाकर देखा। खेत में पलाश के पेड़ में उसके पिता बिसराम बोरिकर फांसी पर लटके हुए थे। जिसने पीले रंग के गमछा पेड़ में बांधकर फांसी लगा दी थी। और उनकी मौत हो चुकी थी। जिसकी रिपोर्ट उसके बेटे रवि शंकर बोरीकर 26 वर्ष ने बिरसा पुलिस थाना में की थी। जहां से प्रधान आरक्षक राजेश परते ने ग्राम चरचेंडी पहुंचकर मृतक बिसराम बोरीकर का शव बरामद किया और पंचनामा कार्यवाही पश्चात पोस्टमार्टम करवा कर उसके परिजनों को सौंप दिए। संभावना व्यक्त की गई है कि बिसराम बोरीकर ने पारिवारिक स्थिति के मानसिक तनाव में आकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आगे मर्ग जांच प्रधान आरक्षक श्री परते द्वारा की जा रही है।