इंगेजिंग, इमोशनल, एंटरटेनिंग है अहान-अनीत की ‘सैयारा’

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सच्चा इश्क इंसान की जिंदगी में क्या बदलाव लाता है? यूं तो कई लेकिन सबसे बड़ा बदलाव ये आता है कि इश्क में इंसान खुद को पूरा महसूस करने लगता है। अगर इश्क आपको अधूरेपन का अहसास कराता है तो वो कुछ भी हो सकता है लेकिन इश्क नहीं। थिएटर्स में रिलीज हुई डायरेक्टर मोहित सूरी की सैयारा ऐसे ही इश्क की कहानी है, जो दो अधूरे लोगों का अधूरापन दूर करती है और उन्हें अहसास कराती है कि एक-दूसरे का साथ ही इनके लिए पूरी दुनिया है।

फिल्म सैयारा दो ऐसे लोगों के आसपास घूमती है, जिनकी जिंदगी में कुछ भी ठीक नहीं है। जहां कृष कपूर (अहान पांडे) एक स्ट्रग्लिंग म्यूजिशियन है, जिसके पिता को शराब की लत है तो वहीं वाणी बत्रा (अनीत पड्डा) एक इंटर्न जर्नलिस्ट है, जिसके आशिक ने पैसे और करियर के लिए उसके साथ शादी तोड़ दी है। जिंदगी से परेशान ये दोनों यंगस्टर्स एक प्रोजेक्ट के लिए ऐसे साथ आते हैं कि इनकी राहें हमेशा के लिए एक हो जाती हैं। ऐसा नहीं है कि इन राहों में कांटें नहीं हैं। जैसे ही इन दोनों को एक-दूसरे से इश्क होता है, वैसे ही इन्हें पता चलता है कि वाणी को कम उम्र में ही अल्जाइमर हो गया है। जो यादें वो कृष के साथ बना रही है, जल्द ही उसके दिमाग से मिटने वाली हैं। क्या वाणी के दिमाग से यादें मिटने से कृष का प्यार भी मिट जाएगा या फिर सारी दुनिया के खिलाफ जाकर कृष अपने प्यार को अपना बना लेगा, ये आपको थिएटर जाकर जानना होगा..

डायरेक्टर मोहित सूरी (Mohit Suri) के फैंस उनसे काफी वक्त से खफा थे कि वो ऐसी इंगेजिंग, एंटरटेनिंग और इमोशनल लव स्टोरी नहीं ला रहे हैं, जो हिलने का मौका भी न दे। मोहित सूरी ने सैयारा के साथ फैंस की ये शिकायत दूर कर दी है। फिल्म सैयारा पहले ही फ्रेम से बांध लेती है और दर्शक कृष-वाणी की लव-स्टोरी में डूब जाते हैं। ब्यूटिफुल लोकेशन्स और सोलफुल सॉन्ग्स सैयारा की खूबसूरत कहानी में चार चांद लगाने का काम करते हैं। मोहित सूरी ने का डायरेक्शन कहीं भी पटरी से उतरता दिखाई नहीं देता है, वो सधे हुए तरीके से कृष-वाणी की दर्दभरी लव-स्टोरी पर्दे पर उकेरते चले जाते हैं।

बात अगर अहान पांडे और अनीत पड्डा की एक्टिंग की करें तो इनकी केमिस्ट्री कमाल की है। सैयारा से बॉलीवुड में कदम रख रहे अहान-अनीत को एक्टिंग करते देखकर ऐसा नहीं लगता है कि ये न्यूकमर्स हैं। नए-नवेले एक्टर्स को इतनी खूबसूरती से पेश करने के लिए मोहित सूरी की तारीफ होनी चाहिए क्योंकि उनका एक्सपीरियंस इन दोनों न्यू-कमर्स के बहुत काम आया है। इन दोनों न्यूकमर्स की तारीफ में इससे बड़ी बात नहीं बोली जा सकती है कि जब ये स्क्रीन पर रोते हैं तो दर्शकों की आंखें भी भर आती हैं।

फिल्म सैयारा की बात बिना म्यूजिक पर चर्चा किए पूरी नहीं हो सकती है। फिल्म सैयारा का टाइटल ट्रैक तो पहले ही लोगों के दिलों में जगह बना चुका है लेकिन जब दर्शक थिएटर के बाहर आएंगे तो दूसरे गाने भी उनके दिल-ओ-दिमाग पर छा चुके होंगे। मोहित सूरी ने गानों को खूबसूरती कहानी में पिरोया है। तनिष्क बागची, फहीम अब्दुल्ला, अर्सलान निजामी, ऋषभ कांत, विशाल मिश्रा, सचेत परंपरा और मिथुन जैसे कम्पोजर्स की तारीफ होनी चाहिए कि इन सभी ने एक सोलफुल एल्बम दी है। गाने बनाने वालों की तारीफ हो रही है तो फिर इन्हें लिखने वाले राज शेखर और इरशाद कामिल के लिए भी सलामी मिलनी चाहिए क्योंकि इनके शब्दों ने सैयारा को सजाया और संवारा है।

सैयारा यूं तो खूबसूरत लव स्टोरी है लेकिन डायरेक्टर मोहित सूरी अगर इसके सेकेंड हाफ से कुछ सीन्स काट देते तो ये परफेक्ट लव स्टोरी भी बन सकती थी। सेकेंड हाफ के दौरान कई बार ऐसे मौके आते हैं जब वाणी-कृष की प्रेम कहानी का अंत जानने की उत्सुकता चरम पर पहुंचती है लेकिन कुछ सीन्स रुकावट पैदा करते हैं। अगर सेकेंड हाफ 7-10 मिनट छोटा होता तो ये रुकावट महसूस न होती।

अब आते हैं असली सवाल पर कि क्या अहान पांडे और अनीत पड्डा की डेब्यू मूवी सैयारा थिएटर में देखनी चाहिए? तो इसका जवाब मैं ऐसे देना चाहूंगा कि मैंने लम्बे समय से ऑडियंस को थिएटर में लगातार तालियां और सीटियां बजाते नहीं देखा है। अहान-अनीत-मोहित ने अगर दर्शकों को ऐसा करने के लिए मजबूर किया है तो सैयारा में कुछ बात तो होगी।

बारिश के मौसम में मोहित सूरी खूबसूरत लव स्टोरी लाए हैं, जिसमें अच्छी परफॉर्मेंसेज, सोलफुल सॉन्ग, ब्यूटिफुल लोकेशन्स और दिल को छू लेने वाली कहानी है। इसे आप मिस करेंगे तो वो थिएट्रिकल एक्सपीरियंस मिस करेंगे, जिसके लिए बॉलीवुड मूवीज जानी जाती हैं। हमारी ओर से सैयारा को 4 स्टार, बाकी आप खुद इस फिल्म को देखें और फैसला करें कि मोहित सूरी की सैयारा कैसी है।

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