वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। शासकीय सिविल अस्पताल वारासिवनी में लगातार अव्यवस्थाओं का आलम बना हुआ है। जहां पर उपचार करने आ रहे मरीजों को पर्याप्त उपचार भी नहीं मिल पा रहा है तो वहीं डॉक्टर के द्वारा नशे की हालत में उपचार देने का प्रयास किया जा रहा है। जिसको लेकर मरीज और डॉक्टर के बीच कहां सनी भी देखने को मिल रही है। ऐसा ही एक मामला ८ अगस्त को सामने आया जब वार्ड नंबर १ अमृत नगर निवासी अजय मिश्रा को अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती किया गया। परंतु स्टाफ के द्वारा उनकी कोई जांच नहीं की गई तो वहीं डॉक्टर के द्वारा हड्डी फ ॉल्ट की बात कहते हुए बालाघाट रिफर करने कहा गया। इसी बीच मरीज के परिजन और डॉक्टर के मध्य हॉट टॉक हो गई जिसमें परिजनों के द्वारा डॉक्टर पर शराब के नशे में होने का आरोप लगाया गया।
डॉक्टर के नशे में होने की पूर्व में भी आ चुकी है कई शिकायतें
सिविल अस्पताल वारासिवनी में पहली बार किसी परिजनों के द्वारा डॉक्टर शराब के नशे में होने का आरोप लगाने का यह मामला नहीं है। इसके पहले भी कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिसमें जिला चिकित्सा अधिकारी तक शिकायत की जा चुकी है। तो वहीं पूर्व मंत्री प्रदीप जायसवाल के द्वारा बीते दिनों भी डॉक्टर बृजेंद्र चौधरी नशे की हालत में होने की जानकारी के बाद जिला चिकित्सा अधिकारी खंड चिकित्सा अधिकारी सहित समस्त डॉक्टर व नगर वासियों के साथ सिविल अस्पताल में बैठक आयोजित की गई थी। जहां पर पूर्व मंत्री प्रदीप जायसवाल के द्वारा कडक़ शब्दों में अधिकारी और डॉक्टरों को फ टकार लगाई गई थी। जिस पर जिला चिकित्सा अधिकारी श्री उपलव के द्वारा आगामी समय में ऐसी कोई शिकायत आने पर तत्काल जांच करवाने की बात कही गई थी। किंतु पुन: इस प्रकार के आरोप लगने पर जांच की बात केवल हवा हवाई साबित हो रही है।
डॉक्टर विक्रम शरणागत नशे की हालत में करता है मरीजो का उपचार-अनीश मिश्रा
परिजन अनीश मिश्रा ने बताया कि वार्ड नंबर एक अमृत नगर में अजय मिश्रा मेरे चाचा है अकेले रहते हैं पत्नी नहीं है बच्चा बाहर रहता है। रात में स्वास्थ्य खराब हुआ पड़ोसियों ने अस्पताल में भर्ती किया। सुबह अगले दिन में मिलने गया एक घंटा रुका तो पता चला कि ८ घंटे एडमिट होने के बाद भी कोई चेक करने नहीं आया है। उनका बीपी और शुगर हाई था उसे समय डॉक्टर विक्रम शरणागत ने उन्हें अटेंड किया वह नशे में थे। उन्होंने कहा कि पैर फ्रैक्चर है जिस पर हमारे भाई ने अपने पापा का एक्स.रे करवाया रिपोर्ट दिखाई तो उसमें फ्रैक्चर नहीं था घुटनों की समस्या दूसरे डॉक्टर ने बताई। अब आप भवन कितना भी बड़ा बना ले पर डॉक्टर शराब पीकर इलाज करेंगे तो कुछ नहीं हो सकता। ऐसे व्यक्ति जिनकी पत्नी में विभाग को अपना पूरा जीवन दे दिया बेटा भी इस विभाग में है और उन्हें उपचार नहीं मिल रहा है तो आम इंसान की बात समझ सकते हैं। खतरों से भरा अस्पताल दिख रहा है यहां हर कोई एक दूसरे को ढकने में लगा है। हमारे पूर्व मंत्री ने इसके पूर्व भी डॉक्टर चौधरी वाले विषय में समझाइस दी थी फिर भी स्टाफ नहीं सुधरा। जिला चिकित्सा अधिकारी के द्वारा भी उस समय कुछ बातें कही गई थी। उस पर आज भी कोई अमल नहीं है हमारी मांग है कि यहां का स्टाफ बदला जायें।
इनका कहना है
दुरभाष पर चर्चा में बताया कि यह मामला मेरे संज्ञान में नही है। किसी के द्वारा शिकायत भी नही की गई है यदि शिकायत की जाती है तो जांच की जायेगी।