जालंधर के बैरिस्टर प्रदीप टिवाना ऑस्ट्रेलिया में पहले भारतीय जज बने, पैतृक गांव में मनाई गई खुशी

0

जालंधर के कोट कलां गांव के प्रदीप सिंह टिवाना ऑस्ट्रेलिया में जज नियुक्त होने वाले पहले भारतीय बने हैं। उन्हें ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया की कंट्री कोर्ट में जज नियुक्त किया गया है। इसका पता चला तो गांव में उनकी नियुक्ति पर पाठ कराया गया और गांव वालों ने एक-दूसरे का मुंह मीठा करवाकर खुशी मनाई। हालांकि, टिवाना के परिवार का कोई सदस्य अब गांव में नहीं रहता।

जन्म व पढ़ाई इंग्लैंड में हुई
ग्रामीणों के मुताबिक बैरिस्टर प्रदीप सिंह टिवाना (51) मूल रूप से कोट कलां के रहने वाले हैं। हालांकि उनका जन्म व परवरिश इंग्लैंड में हुई है। उन्होंने लॉ की डिग्री वॉल्वर हैंपटन यूनीवर्सिटी से की। इसके बाद लिंकन इन बार स्कूल से बैरिस्टर की डिग्री ली। वह बैरिस्टर के तौर पर लॉ की डिग्री लेने वाले सबसे युवा आवेदक रहे।

इंग्लैंड से ऑस्ट्रेलिया गए, वहां क्रिमिनल लॉयर की प्रैक्टिस की
इसके बाद 23 साल की उम्र में उन्हें बार स्कूल से दो स्कॉलरशिप मिलीं। इसके बाद उन्होंने 2006 तक वहां प्रैक्टिस की। फिर वह ऑस्ट्रेलिया चले गए। वहां 3 महीने मेलबर्न यूनीवर्सिटी से लॉ का कोर्स करने के बाद 2006 से क्रिमिनल लॉयर के तौर पर प्रैक्टिस शुरू कर दी।

गांव में गर्व व खुशी, पहले पलबिंदर बनी थी कनाडा सुप्रीम कोर्ट की जज
गांव के रहने वाले शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के मेंबर परमजीत सिंह रायपुर ने कहा कि प्रदीप टिवाना के पिता अजीत सिंह टिवाना से उनकी काफी करीबी थी। वह 2-3 सालों में अक्सर गांव आते रहते थे। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गर्व व खुशी की बात है कि जालंधर के व्यक्ति को ऑस्ट्रेलिया में पहले भारतीय जज बनने का मुकाम हासिल हुआ है। इससे पहले जालंधर की पलबिंदर कौर शेरगिल 2017 में कनाडा के सुप्रीम कोर्ट की पहली पगड़ीधारी महिला जज बनीं थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here