जिला प्रशासन ने बारिश के सीजन पर रेत उत्खनन पर रोक भले ही लगा दी है। परंतु रेत माफिया, प्रशासन के आदेश को ताक पर रखे हुए है। बीते रोज अफसरों को सूचना मिली कि सिंध नदी के खैरा और श्यामपुरा खदान पर रेत का उत्खनन चल रहा है। यह सूचना सोमवार की सुबह करीब 11 बजे प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा। यहां मौके पर दो पनडुब्बी मिली। इसके अलावा जगह-जगह रेत के ढेर लगे थे।
बीते 30 जून को कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस द्वारा एनजीटी की गाइड लाइन का पालन कराते हुए रेत को नदियों से निकलाने जाने पर रोक लगाई है। यह रोक तीन माह के लिए लगाई गई है। भिंड मुख्यालय से करीब 40 KM दूर उमरी व रौन थाना क्षेत्र के बीच में रेत की खदानें चल रही थी। रेत माफिया अब चाेरी चुपके रात के समय रेत का उत्खनन कर रहे है और दिन में गायब हो जाते हैं।
यह सूचना जब प्रशासनिक टीम को लगी तो वो भिंड एसडीएम, मेंहगांव एसडीएम, भिंड एसडीओपी व दोनों थानों के पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। इस मौके पर जिला खनिज अफसर आरपी भदकारिया मौजूद रहे। सोमवार की सुबह जब मौके पर टीम पहुंची। प्रशासन की टीम को रास्ते में ट्रैक्टर-ट्रॉली के निशान मिले। रेत खदान पर खैर व श्यामपुरा पर पनडुब्बी 1-1 रखी मिली। इसके अलावा जगह-जगह रेत के ढेर मिले। प्रशासनिक अफसरों ने पनडुब्बी जब्त की। जिला खनिज अफसर भदकारिया के मुताबिक दोनों पनडुब्बियों को नष्ट कराया दिया गया है।

सिंध का सीना चीर रहे रेत माफिया
ग्रामीणों से जब प्रशासनिक अफसरों जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि रात के समय रेत का उत्खनन होता है और वाहनों से रेत को दूसरी जगह बीहड़ में डंप करते हैं। बीते रोज उत्खनन पर रोक लगाए जाने के बाद भी रेत का डंप होना बंद नहीं हुआ है। रात के समय इन पनडुब्बियों को चलाई जाती हैं। इस तरह से सिंध नदी का सीना चीरकर रेत को निकाला जा रहा है।