पंजीयन केंद्रों में बदलाव की वजह से किसानों को परेशानी होना तय !

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प्रदेश शासन द्वारा किसानों को उनकी फसल का वाजिब दाम दिलाने के लिए समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जाती है इसी कड़ी में इस वर्ष भी 15 सितंबर से समर्थन मूल्य से पहले किसानों के पंजीयन शुरू करवा दिए गए हैं लेकिन इस बार शासन द्वारा पंजीयन केंद्रों में बदलाव किया गया है जिससे किसानों को अच्छी खासी परेशानी उन्हें दिखाई दे रही है।

जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत जरेरा और ग्राम बम्हनी केंद्र की करें तो इस वर्ष जिला प्रशासन द्वारा इन दोनों ही केंद्रों पर किसानों के रजिस्ट्रेशन की सुविधा नहीं दी गई है जिन्हें बालाघाट पहुंचकर अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने को कहा गया है जिसे इन दोनों ही केंद्र के अंतर्गत आने वाले गावो के किसान काफी नाराज हैं।

जिन्होंने पूर्व की तरह ग्राम जरेरा और बम्हनी में किसानों का रजिस्ट्रेशन कर उन्हीं केंद्रों में धान खरीदी की व्यवस्था किए जाने की मांग की है।

आपको बताएं कि पिछले कई वर्षों से सेवा सहकारी समिति जरेरा और उप केंद्र  कुम्हारी में किसानों का पंजीयन कर उनकी उपज समर्थन मूल्य पर शासन द्वारा खरीदी जाती थी लेकिन पिछले वर्ष इन दोनों ही जगहों में धान खरीदी केंद्र को हटा दिया दिया गया था जहां किसानों के लगातार विरोध को देखते हुए शासन ने सेवा सहकारी समिति जरेरा और उप केंद्र कुम्हारी में पुनः धान खरीदी केंद्र बनाकर किसानों से धान की खरीदी की थी लेकिन इस वर्ष इन दोनों ही केंद्रों को रजिस्ट्रेशन सूची से हटा दिया गया है जिसके चलते किसान इस बात को लेकर भी परेशान है।

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