दहेज हत्या के मामले में आरोपी गिरहानी उर्फ गिरानी लिल्हारे 35 वर्ष को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। विद्वान प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की अदालत ने किरनापुर थाना क्षेत्र के ग्राम लवेरी निवासी इस आरोपी को आजीवन कारावास के अलावा 54000रुपये अर्थदंड से भी दंडित किये है।
अभियोजन के अनुसार आरोपी गिरानी का विवाह प्रभा बाई के साथ 22 फरवरी 2014 को सामाजिक रीति रिवाज के साथ हुआ था। शादी के बाद आरोपी गिरानी और प्रभा बाई अपने पिता श्रीराम बंबूरे के यहां ग्राम लवेरी में रहते थे। इस दौरान आरोपी गिरानी पत्नी प्रभा बाई से अपने पिता के नाम की जमीन और मकान बनाने के लिए तथा दुकान खोलने के लिए बार-बार दबाव बनाता था। प्रभा बाई के मना करने पर आरोपी की गिरानी प्रभा बाई को मायके वालों के सामने ही मारपीट कर प्रताड़ित करते रहता था।
जिस कारण प्रभा बाई शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित रहने लगी थी। प्रभा बाई के पिता ने मकान बनाने के लिए पैसा दिया तब नया मकान बनने के उपरांत अभियुक्त गिरानी एवं प्रभा बाई अपने दो बच्चों के साथ मकान में रहने लगे थे। उसके बाद भी अभियुक्त गिरानी जमीन की मांग करता रहता था और मारपीट भी करते रहता था। जिससे तंग आकर प्रभा बाई ने 9 सितंबर 2019 को कीटनाशक दवाई थाईमेन्ट का सेवन कर ली। जिसे जिला अस्पताल बालाघाट में भर्ती किया गया था। जहां इलाज के दौरान 9 सितंबर 2019 को ही उसकी मृत्यु हो गई थी।
इस मामले में आरोपी गिरानी लिल्हारे के विरुद्ध धारा 498 ए, 304 बी भादवि और धारा 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था और इस मामले में अभियुक्त गिरानी को गिरफ्तार किया गया था।
इस मामले में शासन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक महेंद्र देशमुख ने पैरवी की थी।