बालाघाट (पदमेश न्यूज)। जिले के एकमात्र कन्या महाविद्यालय में पीजी पाठ्यक्रम खोले जाने की वर्षो पुरानी मांग अब तक लंबित है जिस पर मध्यप्रदेश शासन ने अब तक कोई ध्यान नहीं दिया है पीजी पाठ्यक्रम की अनुमति ना मिलने का खामियाजा यहां पढ़ाई करने वाली छात्राओं को भुगतना पड़ता है शासकीय कन्या महाविद्यालय में पीजी पाठ्यक्रम ना होने के चलते कई छात्राओं की आगे की पढ़ाई रुक जाती है तो वहीं कई छात्राओं को पीजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने के लिए दूसरे कॉलेजों में भटकना पड़ता है ऐसा नहीं है कि इस यू जी कॉलेज में पीजी पाठ्यक्रम शुरू किए जाने को लेकर कोई प्रयास नहीं किया गया हो बल्कि पिछले तीन-चार वर्षो से कॉलेज प्रबंधन द्वारा उनके कॉलेज में पीजी पाठ्यक्रम की कक्षाएं खोले जाने की मांग की जा रही है लेकिन इस मांग पर प्रदेश शासन ने अब तक कोई ध्यान नहीं दिया है,जिसमे अब यहा पीजी पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति प्रदान नही की है।
अनूपपुर कालेज को मिली अनुमति, लेकिन कन्या महाविद्यालय को नही
नगर के शासकीय कन्या महाविद्यालय में पीजी पाठ्यक्रम खोले जाने की मांग कई बार की गई है जहां महाविद्यालय की छात्राओं व कॉलेज प्रबंधन द्वारा विधायक सांसद मंत्री कलेक्टर आदि के माध्यम से शासन तक अपनी इस प्रमुख मांग को पहुंचाया गया है जहा लगभग तीन-चार वर्षों से इस कॉलेज में यू जी के साथ साथ पीजी पाठ्यक्रम की कक्षाओं का संचालन करने की अनुमति मांगी गई है लेकिन लाख प्रयास के बावजूद भी शासन द्वारा अब तक इस महाविद्यालय को पीजी पाठ्यक्रम की कक्षाएं खोलने की अनुमति प्रदान नहीं की गई है जबकि पिछले दिनों ही प्रदेश शासन ने जिला अनूपपुर के एक महाविद्यालय में पीजी पाठ्यक्रम की कक्षाएं खोलने की अनुमति प्रदान की है उस समय उम्मीद लगाई जा रही थी कि प्रदेश शासन द्वारा बालाघाट के एकमात्र कन्या महाविद्यालय में पीजी पाठ्यक्रम की कक्षाएं संचालित करने की अनुमति प्रदान की जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हो सका और वर्षों से लंबित पीजी पाठ्यक्रम की यह मांग आगामी समय तक के लिए पुन: लंबित हो गई।
अनुमति देने पर शासन पर नहीं पड़ेगा अतिरिक्त भार
जिले के एकमात्र कन्या महाविद्यालय में पीजी पाठ्यक्रम की कक्षाएं खोलने की अनुमति देने पर शासन को किसी प्रकार का अतिरिक्त भार वहन करना नहीं पड़ेगा जानकारी के अनुसार कन्या महाविद्यालय में पीजी पाठ्यक्रम की कक्षाओं के संचालन करने की तमाम सुविधाएं पहले से मौजूद है जहां कक्षाओं के संचालन के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं इसके अलावा महाविद्यालय में पूर्व से ही प्राध्यापकों के पद स्वीकृत है ऐसे में यदि सरकार द्वारा पीजी पाठ्यक्रम की कक्षाएं खोलने की अनुमति भी प्रदान की जाती है तो भी शासन को किसी प्रकार का अतिरिक्त भार वहन नहीं करना पड़ेगा।
यहाँ पीजी पाठ्यक्रम शुरू किया जाना चाहिए-धम्मशिखा गौरे
इस पूरे मामले के संदर्भ में की गई चर्चा के दौरान कन्या महाविद्यालय बीएससी फाइनल ईयर गर्रा निवासी छात्रा धम्मशिखा गौरे ने बताया कि वे बीएससी फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रही है जिसके बाद वे एमएससी में एडमिशन लेना चाहती हैं लेकिन यहां पीजी पाठ्यक्रम नहीं है पीजी पाठ्यक्रम ना होने से अनेक छात्राओं को परेशानी होती है और उन्हें पीजी पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के लिए दूसरे कॉलेज जाना पड़ता है यह कॉलेज बहुत अच्छा है यहां पढ़ाई भी काफी अच्छी होती है हमारी मांग है कि इसी कॉलेज में पीजी पाठ्यक्रम शुरू किया जाना चाहिए।
कई बार आवेदन निवेदन किया है पर नही मिली अनुमति-प्रदीप कुमार पटेल
वही मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान शासकीय कन्या महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ प्रदीप कुमार पटेल ने बताया कि महाविद्यालय में पीजी पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए विधायक सांसद मंत्री सहित अन्य को मांग पत्र सौंपा गया है पीजी पाठ्यक्रम को लेकर शासन तक मांग पत्र पहुंचाया गया है लेकिन अब तक महाविद्यालय को पीजी पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति नहीं मिली है समझ नहीं आ रहा है कि शासन स्तर से हमें पीजी पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है उन्होंने बताया कि हमारे महाविद्यालय में 3800 छात्राएं अध्ययनरत हैं गर्ल्स कॉलेज जिले का एकमात्र कन्या महाविद्यालय है जिसमें एमएससी नहीं होने से छात्राओं को काफी दिक्कत होती है यदि यहां पीजी पाठ्यक्रम खोलने की अनुमति मिल जाती है तो दूसरे पीजी कॉलेज का भार कम कम हो जाएगा उन्होंने बताया कि यहां पीजी पाठ्यक्रम ना होने से साइंस के बाद छात्राओं की आगे की पढ़ाई रुक जाती है कई बार पीजी पाठ्यक्रम के लिए आवेदन निवेदन किया जा चुका है लेकिन हमारे कॉलेज को अब तक इसकी अनुमति नहीं मिल पाई है।
तो शासन को एक रुपए का भी अतिरिक्त खर्च नहीं आएगा-दिनेश मेश्राम
वही मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान शासकीय कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य दिनेश मेश्राम ने बताया कि हमने महाविद्यालय में पीजी कक्षाएं खोलने के लिए तीन से चार बार शासन को पत्र लिखा है विधायक सांसद मंत्री सहित अन्य को पत्र दिया है लेकिन हमारे महाविद्यालय में पीजी पाठ्यक्रम नहीं खुल पाया है जबकि हमारे महाविद्यालय में पहले से ही पद स्वीकृत हैं हमें केवल अनुमति चाहिए इसके लिए तमाम तरह की सुविधाएं कॉलेज में उपलब्ध है वही संसाधन भी पर्याप्त हैं यदि शासन अनुमति दे तो शासन पर एक रुपए का भी अतिरिक्त खर्च नहीं आएगा वही यहां पढऩे वाली छात्राओं को भी लाभ मिलेगा।