शिक्षा पोर्टल को विभाग द्वारा अभी तक अपडेट नहीं किया गया है, इससे स्थानांतरण चाहने वाले शिक्षकगण परेशान है। 2019 में जब पहली बार आनलाइन स्वैच्छिक स्थानांतरण किया गया था। तब भी पोर्टल अपडेट नहीं किया गया था और कई मृत शिक्षकों का नाम भी दर्शा रहा था। इस बार भी पोर्टल को अपडेट नहीं किया गया है। यही कारण है कि इस बार कई अनियमितता सामने आ रही है। स्थानांतरण नीति में इस बात का उल्लेख है कि गंभीर बीमारी से पीड़ित शिक्षकों को पहली प्राथमिकता के साथ स्थानांतरण किया जाएगा। इसके लिए पोर्टल पर बीमारी से संबंधित दस्तावेज अपलोड नहीं हो रहे हैं। वहीं स्थानांतरण नीति में इसका उल्लेख नहीं है कि माता-पिता और भाई-बहन अगर गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं तो उन्हें भी स्थानांतरण में पहली प्राथमिकता दी जाए। पोर्टल पर इसके लिए आप्शन नहीं दिया गया है। इससे शिक्षक परेशान हैं। बता दें कि सरकारी स्कूलों के शिक्षकों का स्थानातंरण प्रक्रिया जारी है। शिक्षा पोर्टल के माध्यम से शिक्षकों को आवेदन करने का सोमवार को अंतिम तिथि है। आवेदन करने में कई अनयिमतताएं सामने आ रही है। कुछ स्कूलों में रिक्त पद है तो पोर्टल पर भरा हुआ प्रदर्शित हो रहा है। वहीं कुछ स्कूलों में पद भरे हुए हैं तो रिक्त दिखा रहा है। वहीं आवेदन करने के लिए पोर्टल पर कई आप्शन गायब है। इससे शिक्षक स्थानांतरण करने के लिए आवेदन करने में परेशान हो रहे हैं। शिक्षकों के स्वैच्छिक स्थानांतरण के लिए 30 सितंबर से पोर्टल खोला गया है। अभी तक स्कूल शिक्षा विभाग अतिशेष शिक्षकों का समायोजन नहीं कर पाया है। ऐसे में कुछ स्कूलों में पद खाली नहीं प्रदर्शित हो रहे हैं। शिक्षकों का स्थानांतरण 22 अक्टूबर के बाद शुरू होगा। 11 दिन में 44 हजार से अधिक आवेदन आए हैं।