विघुत विभाग कर्मचारियों ने किया हड़ताल का ऐलान

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वर्षों से लंबित अपनी विभिन्न सूत्रीय मांगे अबतक पूरी ना होने से विघुत विभाग में कार्य करने वाले संविदा,आउटसोर्स कर्मचारी सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी प्रदेश सरकार से खासा नाराज हैं। जिन्होंने अपनी विभिन्न मांगों को पूरा कराने के लिए प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल किए जाने का ऐलान किया है। जिसमें उन्होंने 6 जनवरी दिन शुक्रवार को विद्युत विभाग में कार्यरत संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों द्वारा सांकेतिक हड़ताल किए जाने की बात कही है, तो वही उनकी समस्त मांगे पूरी ना होने पर 9 जनवरी से सभी घटक दलों के साथ संपूर्ण कार्य का बहिष्कार कर अनिश्चितकालीन हड़ताल किए जाने की का ऐलान किया गया है। जिसमें 6 जनवरी से सांकेतिक तो 9 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का यह निर्णय यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्पलाइज एंड इंजीनियइंजीनियर्स संगठन द्वारा मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड डेंजर रोड स्थित अधीक्षण अभियंता कार्यालय में आयोजित एक बैठक में अधिकारियों कर्मचारियों ने लिया है। जिन्होंने मांग पूरी ना होने तक उनकी यह अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखने की चेतावनी दी है। अभियंता कार्यालय में आयोजित इस बैठक में बैठक में यूनाईटेड फोरम संरक्षक एम.ए. कुरैशी, जिला संयोजक लक्ष्मणसिंह, अध्यक्ष दीपक उईके, कोषाध्यक्ष एच.सी. यादव, प्रांतीय सदस्य आई.डी. पटले, वृत्त सचिव चंद्रहास चंद्राकर, कार्यपालक अभियंता रवि गुप्ता, सहायक अभियंता रवि कुम्हरे, कनिष्ठ अभियंता रंजीत मरावी, राजीव रंजन, पेंशनल एशोसिएशन के वृत्त अध्यक्ष इंजी. के.एल. गौतम, मेनसिंह ठाकरे, आर.के. शर्मा, मीडिया प्रभारी शिव कुमार मुवनेश्वर सहित यूनाइटेड फोरम फॉर पावर इंप्लाईज एवं इंजीनियर्स पदाधिकारी, नियमिति, संविदा और आउटसोर्स कर्मचारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

जेलभरो आंदोलन के साथ संपूर्ण कार्य का होगा बहिष्कार
आयोजित इस बैठक के दौरान पदाधिकारियों ने मांगो के समर्थन में अपने-अपने विचार रखे। वक्ताओं ने कहा कि मध्यप्रदेश विद्युत कर्मचारी एवं कर्मचारी कल्याण संघ, विद्युत मंडल तकनीकि कर्मचारी संघ, बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संघ, बाह्रय स्त्रोत कर्मचारी संगठन पिछले कई दिनों से अपनी जायज मांगो के लिए संघर्षरत है लेकिन सरकार और कंपनी गंभीर नहीं है। जिससे आगामी 6 जनवरी को जेलभरो आंदोलन के साथ ही अन्य संगठन, संपूर्ण बहिष्कार आंदोलन में जा रहा है। जिसका यूनाईटेड फोरम ने पूर्ण समर्थन करते हुए कहा कि यदि मांगो का निराकरण नहीं किया जाता है तो आगामी 9 जनवरी से फोरम के आह्रवान पर नियमित कर्मचारी भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे। पदाधिकारियों ने बताया कि इसमें कुल 12 संगठन साथ है।

विद्युत व्यवस्थाओं पर पड़ सकता है असर
विद्युत अधिकारियों कर्मचारियों आउटसोर्स और संविदा कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से विद्युत वितरण कंपनी के कई कार्यो पर इसका असर पड़ेगा और यदि हड़ताल बढ़ती है और नियमित कर्मचारी हड़ताल पर जाते है, तो निश्चित ही आम लोगों को इसकी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। जान संगठन द्वारा स्पष्ट कर दिया गया है कि उनके हड़ताल और चले जाने से विद्युत व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न होने पर सुधार कार्य नहीं करेंगे और संपूर्ण रूप से कार्य का बहिष्कार कर मांग पूरी ना होने तक उनकी अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी।

इन मांगों को लेकर की जाएगी हड़ताल
भाजपा जन संकल्प 2013 के अनुसार विद्युत कंपनियों में कार्यरत सभी संविदा अधिकारियों कर्मचारियों को तत्काल नियमित किए जाने, सभी आउटसोर्स कर्मचारियों का संविलियन करते हुए कार्य अवधि और वरिष्ठता के अनुसार वेतन वृद्धि प्रदान करने ,भविष्य को सुरक्षित करने हेतु नीति बनाने ,20 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा दिए जाने ,पेंशन भुगतान की सुरक्षित व्यवस्था करने, केंद्र सरकार के समान महंगाई भत्ता ,राहत भत्ता दिए जाने ,पेंशन संबंधित सभी भुगतान तथा ग्रेच्युटी, लिव सरेंडर, पेंशन कंप्यूटेशन आदि का भुगतान समय पर करने, नई पेंशन स्कीम की जगह पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने, बेनिफिट ट्रस्ट में पेंशन की राशि जमा कराने और कैशलैस मेडिक्लेम पॉलिसी लागू किए जा रहे सहित वर्षों से लंबित अपनी विभिन्न सूत्री मांगों को लेकर विद्युत विभाग में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल किए जाने का निर्णय लिया है।

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