मध्यप्रदेश में ठंड से दिन में तो राहत है, पर रातें सर्द हैं। ज्यादातर शहरों में पारा 10 डिग्री से कम है। दो दिन तक मौसम ऐसा ही रहेगा। इसके बाद ठंड से थोड़ी राहत मिलेगी, लेकिन 9-10 फरवरी से फिर कड़ाके की ठंड का दौर शुरू होगा। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो फरवरी में ठंड में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा। आज यानि, रविवार को सिवनी और बालाघाट में कोल्ड वेव चलेगी। वहीं, हल्का कोहरा भी रहेगा।
मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया कि 5 और 6 फरवरी को रात में ठंड का असर ज्यादा रहेगा, लेकिन दिन में पारे में बढ़ोतरी रहेगी। इसके बाद रात की ठंड से भी थोड़ी राहत मिलेगी, पर 9-10 फरवरी को फिर से कड़ाके की ठंड का दौर शुरू होगा।
मौसम विभाग के अनुसार, वेस्टर्न डिस्टरबेंस के गुजरने के बाद उत्तर से सीधी हवा आ रही है। वातावरण में नमी भी कम हो गई। बादल भी नहीं है। दोपहर में तेज हवा भी नहीं चल रही है। इसलिए आसमान बिल्कुल साफ रहा और धूप चुभ रही है। वहीं, रात में ठंड का असर है।
अभी दिन गर्म
प्रदेश के ज्यादातर शहरों में दिन में पारे में बढ़ोतरी हुई है। दमोह, मंडला, खंडवा, खरगोन और राजगढ़ में पारा 30 डिग्री से ज्यादा है। खरगोन-राजगढ़ में तापमान 31 डिग्री के पार हो गया है। इसके अलावा धार, गुना, ग्वालियर, नर्मदापुरम, रतलाम, उज्जैन, खजुराहो, नौगांव, सागर, सिवनी, सीधी और उमरिया में भी दिन में पारे में बढ़ोतरी हुई है।
ज्यादातर शहरों में रातें सर्द
इधर, रात में सर्दी की बात करें तो ज्यादातर शहरों में पारा 10 डिग्री से कम ही चल रहा है। भोपाल, गुना, ग्वालियर, रायसेन, राजगढ़, उज्जैन, छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, खजुराहो, मंडला, नौगांव, रीवा, सतना, उमरिया आदि शहरों में भी तापमान कम है। प्रदेश का हिल स्टेशन पचमढ़ी सबसे ठंडा है। यहां तीन दिन में क्रमश: 2, 2.2 और 3 डिग्री तापमान दर्ज किया गया है।
नया सिस्टम एक्टिव
मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) 15 डिग्री उत्तर अक्षांश के उत्तर में 65 डिग्री देशांतर के सहारे मध्य क्षोभमंडल की पछुवा पवनों के बीच एक ट्रफ के रूप में समुद्र तल से 5.8 किमी की ऊंचाई पर धुरी बनाते हुए सक्रिय है। साथ ही, प्रेरित चक्रवातीय परिसंचरण (Induced Cyclonic Circulation) दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान के ऊपर समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊंचाई तक सक्रिय है। 2 फरवरी से अगले पश्चिमी विक्षोभ के प्रभावी होने की संभावना बनी हुई है। हालांकि, इसका मध्यप्रदेश में असर नहीं रहेगा। यह दो फरवरी से एक्टिव हो गया।