नहर के अतिक्रमण पर प्रशासन का चला बुलडोजर,उच्च न्यायालय के वर्ष २०१६ के आदेश पर हुई कार्यवाही !

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वारासिवनी । हाईकोर्ट के आदेश पर १६ मार्च को राजस्व अमले ने ७३ लोगों पर अपनी  गाज अवैध अतिक्रमण को लेकर गिराईहै। इस अतिक्रमण पर गिरने वाली गॉज उन लोगों पर गिरी है जिन्होने नहर विभाग की भूमि से निकली छोटी नहर पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर अपने मकान दुकान बाऊड्रीवाल व अन्य निर्माण  ताना है। लेकिन राजस्व अमले सहित अन्य विभाग की सयुॅक्त इस कार्यवाही पर लोगों ने अपना असंतोष जताया है। लोगों का कहना है कि रसूखदारों के अतिक्रमण को बचा लिया गया है मगर हम गरीबों के आशियानों को बाऊंडीवाल व पिल्लर तोड़ दिये गये है साथ ही मकान का कुछ हिस्सा भी तोड़ा गया है। जो लोग अतिक्रमण की चपेट में आये है उनका साफ तौर पर कहना है कि जिन लोगों ने अतिक्रमण किया है वे रसूखद्वार लोग है। मगर जो अतिक्रमण राजस्व अमले ने तोड़ा है वो गरीबों का है। लेकिन रसूखदारो का अतिक्रमण को बचाने का प्रयास किया गया है। यह कार्यवाही भेदभाव पूर्ण की गई है।

८ वार्ड से होकर गुजरती थी नहर

गौरतलब है कि सिंचाई विभाग की नहर जा८े छोटी नहर के रूप में जानी जाती है। यह नहर वार्ड न.८ से लेकर वार्ड नं.१,२,३ से होते हुये वार्ड नं.४,५,७,,८ व वार्ड क्रमांक ६ के कुछ हिस्से से गुजरकर बड़ी नहर में मिलती थी मगर लोगों ने यह नहर को विलुप्त कर दिया। नहर के विलुप्त होने का कारण कालोनाईजर द्वारा इस कालोनी को जव मकान मालिकों ने बेचा तो इस बात का हवाला नही दिया गया कि जो प्लॉट लोग खरीद रहे है वो शासकीय सिंचाई विभाग की भूमि है जिसके कारण ही यह भूमि सिंचाई विभाग की है। जिसकी वजह से ही याचिकाकर्ता द्वारा हाईकोर्ट में इस मामले की शिकायत की गई थी। हाईकोट की खंडपीड ने सुनवाई करते हुये चोटी नहर के ऊपर बने मकान या प्रतिष्ठान को जो नहर की भूमि  पर आ रहे है उन्हे तोडऩे का आदेश जिलाधीश को दिया। जिन्होने इस आदेश के पालन के लिये तहसीलदार को आदेश दिया। जिन्होने १६ मार्च को अपने दल बल के सहित इस कार्यवाही को अंजाम दिया।

अतिक्रमण कारियो पर मचा हड़कंप

सुबह से ही नगर में नहर पर किये गये अतिक्रमण को हटाने की चर्चा तेज थी मगर प्रशासनिक अमला दल बल के साथ जेसीबी लेकर मौका स्थल पर पहुॅचा तो लोगों में हड़कंप मच गया। ऐसे में अतिक्रमण नही हटाने को लेकर तटस्थ अतिक्रमणकर्ता हाथो में सरिये की सब्बल, अडृ घन लेकर स्वयं का अतिक्रमण हटाने में लग गये। ऐसे में कई अतिक्रमणकारियो ने प्रशासन से निवेदन किया कि वे जेसीबी मशीन से उनका अतिक्रमण हटाने में तो उनकी सहायता की गई। इस दौरान स्थानीय प्रशासन के एसडीएम केसी बोपचे, तहसीलदार राजेन्द्र तेकाम, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अरविंद श्रीवास्तव, नायाब तहसीलदार सुश्री प्रतिभा पटेल, नपा सीएमओं सुश्री दिशा डहेरिया, थाना प्रभारी एसएस चौहान सहित वारासिवनी खैरलांजी, लालबर्रा कंटगी का राजस्व अमला, पुलिस बल सहित एमपीईबी विभाग नहर विभाग  व अन्य विभाग  के कर्मचारी अधिकारी उपस्थित रहे। जिनके द्वारा प्रात:काल इस मुहिम को अंजाम देते हुये सर्व प्रथम कार्यवाही की शुरूवात वार्ड क्रमांक ४ से प्रारंभ की गई।

करीब ५० लोगों का टूटा अतिक्रमण

यहां यह बताना लाजमी है कि सिवनी हल्के में छाया/धनेश, विनोद/किशन लाल, शाबिर/बब्बू मियॉ,  मंगलेश/मि_न, ज्वाला/राज तिलक, जय/राजतिलक, हरिलाल/बैरागी, सुंदरबाई/ हरिदास, रामकुमार/ मौनीलाल, विजेन्द्र/शंकरलाल, अकबर खान/ मुस्तफा, राहुल/ जीवन, संजय /धनेन्द्र, बब्लू/ शोभाराम, संजय /पंंचुराम, मोहनीबाई / रामदाता, इसी तरह वारा हल्के से ललित / बैकुंठ गिरी, ललित/हरनारायण, प्रकाश सूर्यवंशी, खेमचंद / अच्छेलाल, दिलीप / शोभाराम, भीमराव/ तुलसीदास, कुंदनलाल, प्रदीप/ भीकमचंद , दयावंती /दामोदर, भरत/ हरनारायण, शांतिबोध/ हरनारायण, कुमुद / मोतीचंद, सलभ सिंह बैस, रोहित दास ठवरे, झनकलाल उके, विजय/ सेवकराम, खेमचंद/ शोभाराम, बब्लू / शोभाराम गौर, नारायण / अंतराम, लखननाथ / जगन्नाथ, हरिप्रसाद ठाकुर, पवन कुमार/ मदनलाल,  शिव बोध/ हर नारायण, विल फ्रेंडस/ विल्सन दास, रामबोध/ हरनारायण, अरूण / रमेश कुमार, सिकन्द्रा हल्के से  बसंत / युगल गिरी, विक्रम / केडी देशमुख, अनिल शाडिल्य, आनंद / युगल गिरी, प्रकाश / युगल गिरी, दुर्गाप्रसाद / किशनलाल, श्रीकांत / दयाराम, प्रेमलाल साहू, के द्वारा किये गये मकान व दुकान सहित बाऊडीवाल सेप्टीक टेंंक के अतिक्रमण को हटाया गया वही ४ से ५ ऐसे मकान जो अतिक्रमण तोडऩे पर धाराशाही हो सकते थे उन्हे उनके आवेदन पर २ दिन की मोहलत दी गई। उनके भी नाम उक्त सूची में शामिल है।

इन लोगो को मिला स्टे

यहां यह बताना लाजमी है कि इस अतिक्रमण कार्यवाही के पूर्व ही कुछ लोगों ने नोटिस को आधार बनाकर हाईकोर्ट से स्टे ला लिया है। जिसमें नफीस खान, सुनिल / अनिल गुप्ता, दुर्गेश/ उत्तम चौरसिया, अल्ताफ/ कासम अली, जवाहर / सोनेलाल जैन, नरेन्द्र/ टेकचंद जैन, बंसीलाल/ बुधराम, डॉ. वीरेन्द्र / टेकचंद जैन, हनीफ / इब्राहिम, संजय / घनश्याम दास अटलानी, शिवशंकर / गजानंद, बब्लू / मेहतरलाल नाई,  सुरेश / दशाराम तेली,  प्रदीप कुमार/ सुमेरचंद, गणेशलाल/ फदल, जयप्रकाश / गुलाबचंद सोहाने, विरेन्द्र / पूरनलाल वर्मा, बब्लू / एमएल भारिल्ल, अनामिका / रामलाल, का नाम शामिल है।

कई जगह बनी वाद विवाद की स्थिति

अतिक्रमण हटाने के दौरान वार्ड नं.४,२ व ८ में जब अतिक्रमण हटाने पहुॅचा अमले को विरोध का सामना भी करना पड़ा। खासतौर पर महिलाओं ने कहा कि पहले प्रशासन ने जो मकानों को चिन्हांकित किया था उन मकानो पर पहले बुलडोजर  या जेसीबी मशीन चलाये उसके बाद हमारे घर में। जिन्हे मौके पर उपस्थित तहसीलदार व थाना प्रभारी ने समझाईस देकर अतिक्रमण हटाओं मुहिम को जारी रखा।

गरीबो का तोड़ दिया आशियाना रसूखदारों का बचा लिया – सोनू

उक्त संंबंध में पद्मेश को जानकारी देते हुये श्रीमती सोनू पंकज गिरी ने बताया कि रसूखदारों के अतिक्रमण को नही तोड़ा गया है। हम गरीब जो काफी लंबे वर्ष से इस स्थान पर निवास कर रहे है उनके अतिक्रमण को तोड़ा गया है। हम यह चाहते है कि अगर हमारा अतिक्रमण नहर की भूमि पर जितना है उसे तोड़ा जाये मगर उनका भी अतिक्रमण टूटे जिन्होने बड़ी बड़ी इमारत तानी है। हम प्रशासन पर आरोप लगाते है कि वो पक्षपात पूर्ण कार्यवाही कर रहा है जिसकी शिकायत हम जिलाधीश से करेंगे।

प्रशासन की कार्यवाही से संतुष्ठ नही – याचिकाकर्ता

इस संबंध में याचिकाकर्ता आनंद ताम्रकार ने पद्मेश को जानकारी देते हुये बताया कि १९१९ से १९२१ के बीच इस नहर का निर्माण हुआ था। जिसमे अतिक्रमण हो गया है जिस पर प्रशासन ने जो कार्यवाही की है उससे हम संतुष्ठ नही है। आज भी नहर का अधिकांश भाग अतिक्रमण की चपेट में है। यह कार्यवाही वर्ष २०१६ के आदेश पर की जा रही है वो भी मेरे द्वारा अवमानना  का केश दायर किया गया है और उसमे आदेश हुआ है पर वर्तमान तक अधिकारी व न मुझे मिला है। प्रशासन ने आनन फानन में यह कार्यवाही की है। अब मेरे द्वारा नहर के पुराने नक्से के अनुसार अतिक्रमण का सर्वे करने प्रकरण दर्ज करवाया जायेगा।

न्यायालय के आदेश का किया जा रहा पालन – तहसीलदार

इसी तरह तहसीलदार राजेन्द्र तेकाम ने पद्मेश को बताया कि हमारे द्वारा न्यायालय के आदेश पर छोटी नहर जो विलुप्त हो चुकी है उसके ऊपर अतिक्रमण करने वालो के अतिक्रमण हटाये जा रहे है। जिन्हे पूर्व समय नोटिस जारी किया गया था मगर उन लोगो ने अपने अतिक्रमण नही हटाये थे। जिन्हे पुन: नोटिस देकर वर्ष २०१६ के मामले में कार्यवाही कर रहे है जिसमें ७३ अतिक्रमण कर्ता थे जिसमे से १८ लोगो ने न्यायालय से स्टे लाया है बाकि अन्य अतिक्रमण हटाये जा रहे है। स्टे लाने वाले लोगो पर कार्यवाही फिलहाल रोकी गई है। यह नहर तीन ग्राम वारा, सिवनी, सिकन्द्रा की  मायनर नहर है।

कुछ लोगों को दिया गया है २ दिन का समय – एसडीओ सिंचाई

इसी तरह अनुविभागीय अधिकारी नहर विभाग एच आर ठाकरे ने पद्मेश को बताया कि यह हमारी सिंचाई विभाग की नहर है जिसकी भूमि पर किये गये अतिक्रमण को न्यायालय के आदेश पर हटाया जा रहा है। जिसमें कुछ लोगो को दो दिन की मुहलत दी गई है। उनका भी अतिक्रमण उनके द्वारा न हटाने पर राजस्व अमला कार्यवाही करेंगा।

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