जगत जननी माता जगदम्बा आदिशक्ति का पर्व चैत्र नवरात्र पूरे क्षेत्र में श्रध्दा भक्तिभाव के साथ मनाया गया। पर्व के अंतिम दिन नवमीं पर ३० मार्च को माता मंदिरों व अपने-अपने घरों में स्थापित ज्योति कलशों एवं जवारों का भक्तजनों ने माँ के जयकारों के साथ स्थानीय नदी-तालाब में विसर्जन कर माता से क्षेत्र में शांति व सुख समृध्दि की प्रार्थना की। इसी कड़ी में नगर मुख्यालय स्थित मॉ सतबहनी मंदिर में पिछले नौ दिनों से पूजा-अर्चना के पश्चात स्थापित ज्योति कलश व ज्वारे को विसर्जित करने के लिये भक्तों के द्वारा ३० मार्च को प्रात: ११ बजे मंदिर प्रांगण से धूमधाम से डीजे की धून व आकर्षक झांकियों के साथ शोभायात्रा निकाली गई जो नगर भ्रमण करते हुए बड़ा तालाब के विसर्जन घाट पर पहुंची जहां पं. संजय दुबे के द्वारा विधिवत पूजन अर्चन करवाकर आरती संपन्न होने के पश्चात जवारों व कलशों का विसर्जन किया गया एवं रात ८ बजे से नवयुवक भंडारा समिति के द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है। इस शोभायात्रा में पलक बोरीकर, खुशी अवधिया, शिवानी गायग्वाल, वैशाली ढेकने, सलोनी सोनेकर, अंकिता बोरकर, आरूसी घाटे ने मॉ सतबहनी माता, बुलबुल दुबे ने माँ दुर्गा, निकिता बोरकर ने भगवान राम, पुनम बोरीकर ने लक्ष्मण, सौर्या श्रीवास ने माता सीता, ऐलिन र्वसीक ने हनुमान, विरेन्द्र कोटंगले ने भोलेनाथ व अमित सहारे ने माँ काली की भूमिका अदा की। माँ सतबहनी मंदिर के पदाधिकारियों ने बताया कि गत २२ मार्च को ५४ कलश व जवारे बोकर माता-रानी की आराधना की गई एवं ३० मार्च को मंदिर से कलशों की शोभायात्रा निकालकर जवारे विसर्जित कर शाम में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया और श्रध्दालुओं के द्वारा चैत्र नवरात्र पर्व भक्तिभाव के साथ मनाया गया एवं माता-रानी से प्रार्थना करते है कि सभी के जीवन में खुशहाली बनाये रखे।