भीषण गर्मी के दौर में पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है वही ग्रामीण क्षेत्रों के हालात ऐसे हैं लोगों को अपनी प्यास बुझाने के लिए दूर से पानी लाना पड़ता है ऐसा ही नजारा बालाघाट बस स्टैंड में भी देखा जा रहा है जहां पर नगर पालिका के द्वारा खोल दिया गया है लेकिन नगर पालिका की अनदेखी के चलते पानी मिल रहा है ना ही कोई और सुविधा। सार्वजनिक स्थानों में आम लोगाें तक पेयजल आपूर्ति की नगर पालिका परिषद बालाघाट की मंशा जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते कमजोर हो रही है। 40 से 41 डिग्री सेल्सियस की भीषण गर्मी में बस स्टैंड में बसों का इंतजार करने वाले यात्री इन दिनों पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। वजह है कि बस स्टैंड स्थित यात्री प्रतीक्षालय में लगी पानी की टंकी का पिछले चार दिन से खाली रहना। गौर करने वाली बात है कि बस स्टैंड जैसे सार्वजनिक स्थानों में यात्रियों के पानी पीने की व्यवस्था की जिम्मेदारी नगर पालिका की है, लेकिन नपा अपनी ये जिम्मेदारी भी पूरी तरह नहीं निभा पा रही है। यही वजह है कि पांच साल पहले शहर के समाजसेवी व कारोबारी लक्ष्मण खूबचंदानी ने यात्रियों की परेशानी को देखते हुए अपने खर्चे पर यहां वाटर आरओ मशीन लगवाई थी। टंकी में नियमित रूप से पानी भरने की जिम्मेदारी नपा उठा रहा है, लेकिन पिछले चार-पांच दिनों से टंकी में सुचारू रूप से पानी नहीं भरा जा रहा है, जिससे यात्री परेशान हो रहे हैं।
पानी के लिए परेशान रोजाना सैकड़ों
बालाघाट बस स्टैंड में रोजाना सैकड़ों यात्री अपने गंतव्य स्थान तक जाने अथवा अन्य स्थान से बालाघाट पहुंचते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में जाने वाले यात्रियों को धूप से बचने का यात्री प्रतीक्षालय ही एकमात्र सहारा है, लेकिन यहां गर्मी से राहत पाने और गला तर करने के लिए लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। रविवार को भरी दोपहरी में लोग पीने के पानी के लिए वाटर आरओ मशीन पहुंचे, लेकिन हवा फेंकते नल को देखकर लोग परेशान हो गए। इससे न सिर्फ बूढ़े और बड़े परेशान हो रहे हैं बल्कि बच्चे भी पानी के लिए तरस रहे हैं। मजबूरीवश गरीब लोगों को होटलों व दुकानों से पानी की बोतल खरीदनी पड़ रही है।
नगर पालिका की लापरवाही है जो लोग पानी के लिए भटक रहे = युवराज रानाडे
यात्री युवराज रानाडे ने बताया की मैं अपने परिचित को बस स्टैंड छोड़ने आ गया था। प्यास लगी तो आरओ मशीन के पास पहुंचा, लेकिन यहां पानी नहीं आ रहा। होटलों में भी कोई मुफ्त में पानी नहीं देता, उसके लिए भी पैसे देने पड़ते हैं। यह नगरपालिका की लापरवाही है जो भीषण गर्मी में भी लोगों को ठंडा पानी उपलब्ध नहीं करा पा रही है। नगर पालिका के द्वारा प्याज बजाने वाले सारे इंतजाम शोपीस बने हुए।
आधे घंटे से बस का इंतजार कर रही हु लेकिन पानी नशीब नही हो रहा है= गीता बाई बाहें
यात्री गीताबाई बाहे ने बताया की भीषण गर्मी में जिम्मेदार अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए कि लोगों को ठंडक पहुंचाने के लिए जो इंतजाम किए गए हैं उसमें पानी है कि नहीं । मैं आधे घंटे से प्रतीक्षालय में हूं, लेकिन यहां पानी नसीब नहीं हो रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत छोटे-छोटे बच्चों को हो रही है। जो सक्षम है वह पानी की बोतल खरीद लेता है, लेकिन गरीब यहां-वहां भटकता है।
प्याऊ तो है लेकिन पानी नहीं =प्रमोद गुप्ता
मलाजखंड निवासी प्रमोद गुप्ता ने बताया कि मैं आज ही अपने काम से बालाघाट आया था बस का इंतजार कर रहा था नगर पालिका के द्वारा पानी पिलाने के लिए प्याऊ की व्यवस्था तो की गई है लेकिन उसमें पानी नहीं है प्याऊ में गंदगी का आलम बना हुआ है देखने में ऐसा लग रहा है कि चार-पांच दिनों से पानी नहीं डाला है यह बहुत बड़ी घोर लापरवाही है भीषण गर्मी के दौर में नगर पालिका को पानी उपलब्ध कराना चाहिए ताकि दूरदराज से आए लोगों को आसानी से पानी मिल सके।
5 दिनों से बंद है आरो मशीन = आशीष
स्थानीय निवासी आशीष ने बताया कि यात्री प्रतीक्षालय के बाजू में लगी आरो मशीन दिनों से बंद है महीने में एक बार ही ठंडा पानी मिलता है नहीं तो पूरा दिन गर्म पानी मिलता पानी ना मिल पाने के कारण यात्रियों को इधर-उधर भटकना पड़ता है और लोगों को ₹10 में ठंडा पानी लेकर अपनी प्यास जाना पड़ता है ।