महापंचायत बुलाकर मेटो की समस्या का निराकरण करे सरकार

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30जुलाई को स्थानीय बूढ़ी स्थित भारतीय मजदूर कार्यालय में मेंट संघ की बैठक आयोजित की गई जहां पर मुख्यमंत्री से मेट संघ की महा पंचायत बुलाने की मांग को लेकर भोपाल जाने के लिए रणनीति बनाई गई । आपको बता दे की मनरेगा कार्यो के सुपरविजन के लिए 2005-06 में सरकार ने पुरूष मेटों की भर्ती की। जिसके बाद मेट पदो में महिलाओं को 2021 से भागीदारी दी गई। जिससे प्रत्येक पंचायत में मेट, मनरेगा कार्याे के सुपरविजन के साथ शासन का सहयोग कर रहे है, लेकिन मेट पद होने के बावजूद उन्हें मजदूरों की दर पर भुगतान किया जाता है, जितना कम, उतनी मजदूरी। जिससे भले ही उन्हें मेट कहा जाता हो लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति मजदूरो की तरह ही है, महंगाई के इस दौर में जब आवश्यकतायें बढ़ने लगी है, तब मेटों को उनके काम के ऐवज में मजदूरों की तरह भुगतान की जा रही मजदूरी कम होने से अब वह अपने हक और अधिकार को सरकार से मांग रहे है। बालाघाट में मेट संघ प्रदेश अध्यक्ष अनिल नकासे और जिलाध्यक्ष राहुल नागवंशी की उपस्थिति में जिले के मेटो की बैठक कर्मचारी भवन कार्यालय में आहूत की गई। जिसमें तय किया गया कि सरकार और पंचायत मंत्रालय उनकी मांगो को लेकर गंभीर नहीं है, जिससे आगामी समय में भोपाल में पूरे प्रदेश के मेटों के साथ एक बड़ा आंदोलन किया जायेगा।

मेट संघ की मांगे माने तो मिलेगा समर्थन नही तो भोपाल में होगा धरना प्रर्दशन = अनिल नकासे
मेट संघ प्रदेश अध्यक्ष अनिल नकासे ने बताया की बीते दिनो में पंचायत मंत्री और मुख्यमंत्री तक मेट संघ के प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मानदेय सहि अन्य मांगो को लेकर ध्यानाकर्षण करवाया था और उम्मीद की थी कि जिस तरह से प्रदेश के मुख्यमंत्री अन्य विभागो में कार्यरत संविदा, आशा, उषा कार्यकर्ताओं की महापंचायत बुलाकर उनकी मांगो को निराकरण कर उन्हें सौगात दे रहे है, उसी तरह मेटो की भी महापंचायत बुलाकर उनकी समस्याओं का निराकरण कर उन्हें भी सौगात दे। चूंकि प्रदेश में मेटो की संख्या भी काफी है, यदि सरकार उनकी महापंचायत बुलाकर उनकी मांगो का निराकरण कर उन्हें सौगात देती है तो निश्चित ही प्रदेश का मेट आपका समर्थन करेगा। अन्यथा वह भोपाल में आंदोलन के लिए बाध्य होगा।

मेटो की महापंचायत बुलाकर समस्या का निराकरण करे= राहुल नागवंशी
मेट संघ के जिलाध्यक्ष राहुल नागवंशी ने बताया कि सरकार मेटो की मांगो को लेकर गंभीर दिखाई नहीं दे रही है, जिससे प्रदेश के सभी जिलो में बैठक कर अपनी मांगो को लेकर भोपाल में किये जाने वाले आंदोलन की रणनीति तैयार की जा रही है, ताकि सरकार को प्रदेश की मेटो की एकजुटता की ताकत दिखाई दे और वह मेटो की महापंचायत बुलाकर उनकी समस्याओं के निराकरण को लेकर सकारात्मक कदम उठाये।

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