पीएम नरेंद्र मोदी से इतना चिढ़ता क्यों हैं यह अमेरिकी बिजनसमैन

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अमेरिका के अरबपति कारोबारी जॉर्ज सोरोस (George Soros) एक बार फिर चर्चा में हैं। उनके सपोर्ट वाली नॉन प्रॉफिट मीडिया संस्था OCCRP ने भारतीय अरबपति कारोबारी गौतम अडानी (Gautam Adani) और अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) पर निशाना साधा है। उसकी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडानी ग्रुप ने गुपचुप तरीके से खुद अपने शेयर खरीदकर लाखों डॉलर का निवेश किया। OCCRP ने एक अन्य रिपोर्ट में वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल पर देश के पर्यावरण कानूनों को कमजोर करने के लिए गुपचुप तरीके से लॉबिंग करने का आरोप लगाया है। 92 साल के सोरोस की पहचान एक ऐसे शख्स की रही है जो दुनिया के कई देशों की राजनीति और समाज को प्रभावित करने के लिए अपना एजेंडा चलाता है। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की नीतियों का भी धुर आचोलक माना जाता है।

जॉर्ज सोरोस अमेरिका के बड़े कारोबारियों में से एक हैं। लेकिन उनकी छवि काफी विवादित रही है। वह सटोरिए, निवेशक और कारोबारी हैं लेकिन खुद को दार्शनिक और सामाजिक कार्यकर्ता कहलाना पसंद करते हैं। उन पर दुनिया के कई देशों की राजनीति और समाज को प्रभावित करने के लिए एजेंडा चलाने का आरोप लगता रहता है। आरोप है कि उन्होंने कई देशों में चुनावों को प्रभावित करने के लिए खुलकर भारी-भरकम फंडिंग की है। यूरोप और अरब के कई देशों में सोरोस की संस्थाओं पर भारी जुर्माना लगाकर पाबंदी लगा दी गई है। आरोप है कि सोरोस दुनिया कई देशों में कारोबार और समाजसेवा की आड़ में पैसे के जोर पर वहां की राजनीति में दखल देते हैं।

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