नई दिल्लीः 2023 में क्रिकेट वर्ल्ड कप के दौरान OTT प्लेटफॉर्म पर दिखाए गए कुल सेरोगेट तंबाकू विज्ञापनों में से 86.7% भारत के मैचों के दौरान दिखाए गए। यानी दर्शकों की सबसे बड़ी संख्या को इन विज्ञापनों के जरिए टारगेट किया गया। यह खुलासा एम्स और NICPR के रिसर्चरों द्वारा 48 मैचों के दौरान दिखाए गए सेरोगेट तंबाकू के विज्ञापनों के आधार पर की गई है।
स्टडी में पाया गया कि मैचों के दौरान दिखाए गए कुल विज्ञापनों में से 80.9% सेरोगेट तंबाकू, शराब और बहुत ज्यादा फैट, शुगर और नमक (HFSS) वाले जंक फूड से जुड़े थे। दरअसल, देश में केबल टेलीविजन नेटवर्क (Regulation) Act, 1995 और COTPA Act, 2003 जैसे कानूनों के तहत तंबाकू और शराब के विज्ञापन पर पाबंदी है। लेकिन कंपनियां सेरोगेट विज्ञापन के जरिए इस पाबंदी को चालाकी से चकमा देती हैं। जब स्पोटर्स के मैच होते हैं और सबसे ज्यादा युवा इससे जुड़ते हैं, तब सेरोगेट विज्ञापन के जरिए युवाओं को टारगेट किया जाता है।
जांच में की गई 48 मैचों की स्टडी
जब आईसीएमआर की संस्था नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर प्रिवेंशन एंड रिसर्च (NICPR) नोएडा और एम्स दिल्ली के रिसर्चरों की टीम ने संयुक्त रूप से स्टडी की और उन्होंने अपनी रिपोर्ट में इसके उल्लंघन पर चिंता जताई और रेगुलेशन की जरूरत बताया है। रिसर्चर में शामिल NICPR के साइंसटिस्ट डॉक्टर प्रशांत कुमार सिंह ने बताया कि 5 अक्टूबर 2023 से 19 नवंबर 2023 के बीच कुल 48 मैचों की स्टडी की गई, इसमें हर एक मैच जिसमें औसत समय 7 घंटा 10 मिनट का रहा और कुल 341 घंटे स्क्रीनिंग टाइम को ट्रेस किया गया।
बच्चों को टारगेट करते हैं जंक फूड ब्रैंड
मैच के ओवर ब्रेक्स के दौरान दिखाए गए बहुत ज्यादा फैट, सुगर, और साल्ट (HFSS) वाले प्रोडक्टस में से 60.6% ऐसे फूड प्रोडक्ट्स थे जिन्हें आमतौर पर बच्चे खाते हैं, जैसे कि चॉकलेट, चिप्स, नमकीन और शुगर वाले ड्रिंक्स । इससे बच्चों को इस प्रकार की अनहेल्दी आदतों की ओर बढ़ावा मिलने का खतरा देखा गया।










































