अनूपपुर। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए अटूट समर्पण भाव के दर्शन मां नर्मदा की उद्गम नगरी अमरकंटक में हुए। जब यहां के वार्ड 13 अयोध्या बस्ती की भूरी बाई और ललई मोगरे का गरीब परिवार निधि समर्पण के लिए आगे बढ़ कर सामने आया। अनुसूचित जाति परिवार के इन भक्तों के असीम प्रेम के आगे मृत्युंजय आश्रम के स्वामी हरिहरानंद स्वत: श्रद्धा वनत होकर इनके दरवाजे जा पहुंचे।
समर्पण को अपने चरित्र में अपनाने की बात
अमरकंटक की अयोध्या बस्ती में निवासरत इन गरीब परिवार के लोगों ने नगर में भ्रमण कर रहे राम सेवकों से संपर्क कर श्री रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए राशि अर्पित करने की इच्छा प्रकट की। इसकी सूचना मिलने पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक राकेश द्विवेदी, महामंडलेश्वर स्वामी हरिहरानंद महाराज के साथ ललई और भूरी बाई के घर पहुंचे तो घर के आंगन में रंगोली सजाई गई थी।मंगल कलश के पूजन बाद स्वामी हरिहरानंद ने भगवान श्रीराम के आदर्शों तथा जीवन चरित्र के बारे में विस्तार से वर्णन करते हुए लोगों को इसे अपने चरित्र में अपनाने की बात कही। ललई और भूरी दोनों अमरकंटक नगर पंचायत में दैनिक वेतन भोगी सफाई कर्मचारी हैं। भूरी बाई ने अपने एक माह का वेतन 5500 रुपये व ललई मोगरे ने 5100 रुपये मंदिर निर्माण के लिए अर्पित की। भूरी बाई,ललई मोंगरे की छवि मोहल्ले में धार्मिक, समाजसेवी के रूप में है। इसी तरह शांति कुटी आश्रम के महंत रामभूषण दास ने भी 51 हजार देकर राम मंदिर निर्माण में सहयोग प्रदान किया।
कल्याण सेवा आश्रम ने पांच लाख एक हजार रुपये दिए
बाबा कल्याण दासजी के आदेशानुसार कल्याण सेवा आश्रम के हिमाद्री मुनि महाराज ने राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण में पांच लाख एक हजार रुपये की राशि का निधि समर्पित की। पूज्य कल्याण बाबा के मार्गदर्शन की भूमिका मंदिर अभियान के प्रारंभ के दिनों से है, अभियान के प्रथम दिन से तन मन समय का समर्पण में अग्रणी रहे।