मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित एम्स पूरे प्रदेश को सौगात देने वाला है। यहां एमपी का सबसे बड़ा ट्रॉमा और इमरजेंसी सेंटर बनाया जा रहा है। अभी भोपाल एम्स में डेढ़ सौ बेड वाली इमरजेंसी यूनिट है। इस योजना के अंतर्गत इनको बढ़ाकर 220 बेड तक किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी योजना को पूरा करने के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा फंडिंग दी जाएगी।
इस मामले को लेकर एम्स अधिकारी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि इस बदलाव के बाद अस्पताल 24 घंटे सुविधा प्रदान करेगा, जिससे सैकड़ों लोगों को फायदा मिलेगा। इसके साथ ही मध्यप्रदेश में जिला अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाओं की कमी को दूर करने और सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए एम्स भोपाल ने आईसीएमआर के साथ मिलकर एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है। इस योजना के तहत, एम्स की एक टीम प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों का दौरा करेगी और वहां मौजूदा इमरजेंसी सुविधाओं का आंकलन करेगी। जिसके बाद इनमें सुधार किया जाएगा ।
कैथ लैब भी 24 घंटे होंगे संचालित
इसके अलावा सुविधाओं को बढ़ाते हुए कैथीटेराइजेशन लैब भी 24 घंटे संचालित होंगे। जिससे 24 घंटों डायलिसिस किया जा सकेगा। इसकी मदद से जिससे किडनी और हृदय रोगियों को बेहतर उपचार मिलेगा। इस मामले पर अधिकारी आगे बताया कि पीपीपी मॉडल के तहत जल्द ही एक एमआरआई मशीन भी स्थापित की जाएगी। इससे मरीजों को लंबी एमआरआई प्रतीक्षा सूची से राहत मिलेगी। पहले यह सुविधा केवल 8 घंटे ही उपलब्ध थी। नई डायलिसिस मशीनों की स्थापना के साथ कुल मशीनों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो जाएगी । जिससे लोगों को लाभ मिलेगा।