Bhopal Dharm Samaj News: भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। विषम परिस्थितियों में स्थिरता बनाए रखना जीवन जीने की कला है। इस दुनिया में ऐसा कौन है, जिसे अपने जीवन में कभी न कभी प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना न करना पड़ता हो। सभी के जीवन में विपरीत परिस्थितियां आती हैं। लेकिन हमें नहीं भूलना चाहिए कि दिन के बाद रात आती है और रात के बाद फिर सुबह होती है और चहुंओर प्रकाश फैलता है। मानव मन की सबसे बड़े कमजोरी यही है कि वह विपरीत परिस्थिति में घबरा जाता है। कैसी भी विषम परिस्थितियां हों, हमें अपने जीवन में समता बनाए रखनी चाहिए। विपरीत परिस्थितियों में स्थिरता बनाए रखना ही जीवन की कला है। यह प्रवचन सोमवार को साध्वी प्रभंजना ने एयरपोर्ट रोड स्थित श्वेतांबर जैन समाज के मंदिर में उपस्थित श्रद्धालुओं के समक्ष दिए।
साध्वी प्रभंजना ने कहा कि जो है, उसी में संतोष करो और प्राप्त को ही पर्याप्त मानकर जीवन जियो। व्यर्थ की भागदौड़ मन में तनाव पैदा करेगी। सोमवार को दिगंबर जैन मंदिर में साध्वी प्रभंजना ने अपने प्रवास के आखिरी प्रवचन दिए। प्रवचनों के बाद श्वेतांबर जैन समाज के लोगों ने साध्वी प्रभंजना को भावभीनी विदाई दी। इस मौके श्वेतांबर मूर्ति पूजक संघ के अध्यक्ष राजेश तातेड़ ने बताया कि साध्वी संघ का निरंतर पद विहार जैन तीर्थ शंकेश्वर पार्श्वनाथ की ओर होगा। मार्ग में शुजालपुर, उज्जैन आदि स्थानों पर उनका कुछ दिन का अल्प प्रवास होगा। श्वेतांबर जैन समाज के महिला मंडल, जैन यूथ क्लब, बहुमंडल समेत अन्य संगठनों के सदस्यों ने गुरुवंदना के साथ उन्हें विदाई दी।