दीपक सविता. ग्वालियर। ग्वालियर का स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन ने शहर को यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन) की क्रियेटिव सिटी नेटवर्क श्रेणी में शामिल कराने की तैयारी शुरू कर दी है। इस श्रेणी में शामिल होने के लिए जिन सात बिंदुओं का मापदंड तय है उस पर शहर पूरी तरह खरा उतरता है। यूनेस्को ने 2004 में क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क योजना बनाई है। इस योजना के तहत वर्तमान समय में विश्व के 72 देशों के 180 शहरों को शामिल किया गया है। शास्त्रीय संगीत के लिए अब तक बनारस ही इसमें शामिल था। ग्वालियर देश का दूसरा शहर होगा जो संगीत शहर के लिए दावेदारी कर रहा हैा
इसलिए दावेदारी मजबूत- ग्वालियर का शास्त्रीय संगीत से काफी पुराना नाता है। ग्वालियर विश्वविख्यात संगीतज्ञ तानसेन का जन्मस्थली है। धु्रपद का उद्भव ग्वालियर के महाराजा मानसिंह तोमर के शासनकाल में हुआ। भारतीय शास्त्रीय संगीत में ग्वालियर घराना अपनी अलग पहचान रखता है। यहां हर साल अंतराष्ट्रीय स्तर का तानसेन संगीत समारोह का आयोजन होता है। हस्सू-हद्दू खां, बैजू बावरा जैसे ख्यात गायक ग्वालियर को संगीतधानी की पहचान दिलाते हैं। स्मार्ट सिटी की सीईओ जयति सिंह कहती हैं कि शहर को सिटी ऑफ म्यूजिक के रूप में पहचान दिलाने के लिए इसे विजन डॉक्यूमेंट में शामिल किया है। गौरतलब है कि दिसंबर माह में यूनेस्को ने ग्वालियर और ओरछा को अपने अर्बन लैंडस्केप सिटी प्रोग्राम के तहत विश्व धरोहर शहरों की सूची में शामिल किया है।










































