भोपाल: मध्यप्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा की एक महिला अफसर के घर में बुलडोजर से तोड़फोड़ का मामला सामने आया है। वे भोपाल में शिक्षा विभाग में उप सचिव के रूप में पदस्थ हैं। उनके घर में शुक्रवार को कुछ लोग जेसीबी लेकर पहुंच गए। इस दौरान बाउंड्रीवॉल और सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए। महिला अफसर ने कहा कि इस दौरान 40 गुंडे बाहर खड़े कर दिए।
मकान से जुड़ा है विवाद
यह पूरा मामला आईएएस मंजूषा राय से जुड़ा है। उनका एक मकान दानिश कुंज कॉलोनी में है, जिसके 1800 स्क्वायर फीट जमीन पर बने मकान के एग्रीमेंट, नामांतरण और रजिस्ट्री पर विवाद है। बताया जाता है कि वर्ष 2010 में मकान का 41 लाख रुपए एग्रीमेंट किया गया था। इसका भुगतान भी बैंक अकाउंट से किया गया। साल 2011 से परिवार समेत वह इसी मकान में रह रही हैं। जरूरत पड़ने पर यहां दो कमरे भी बनवाए। बाद में भी हमसे रुपए लिए गए, लेकिन संबंधित के नाम नामांतरण नहीं होने की वजह से हम रजिस्ट्री नहीं करा पा रहे थे।
बिना बताए करा दी रजिस्ट्री
आईएएस मंजूषा राय ने बताया कि इसी बीच हितेश बटेजा नामक व्यक्ति के जरिए 17 मार्च 2025 में नामांतरण करा दिया गया। 10 जून में रजिस्ट्री करा दी। इस बारे में हमें कोई जानकारी नहीं दी गई। बताया जाता है कि डुप्लेक्स मकान नंबर-595 दानिश कुंज में रंजना अहमद से मंजूषा के पति विक्रांत प्रवीण राय ने 16 दिसंबर 2010 में 41 लाख रु में विक्रय अनुबंध करके क्रय किया था। रंजना अहमद की मृत्यु के बाद उसके पुत्र सईद फरीद अहमद परिवर्तित नाम रिदित अरोड़ा को शेष बची हुई राशि मकान के एवज में अपने स्वयं के खाते से एवं मेरे पति के बचत खाते से भुगतान की गई।
दस्तावेज के अभाव में रद्द हो गए आवेदन
2021 में रिदित अरोड़ा द्वारा नायब तहसीलदार न्यायालय में नामांतरण के लिए दो बार आवेदन लगाए गए थे। जिन्हें दस्तावेज के अभाव में खारिज कर दिया था। रिदित अरोड़ा की सहमति से पारिवारिक आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए हमारे द्वारा उक्त संपत्ति में अतिरिक्त निर्माण कार्य भी कराया था। इसका भुगतान मैंने अपने स्वयं के खाते से किया था।
रेवेन्यू कोर्ट में है मामला
उसके बाद में 17 मार्च 2025 में उक्त संपत्ति पर रंजना अहमद के पुत्र रिदित अरोड़ा का नामांतरण अतिरिक्त तहसीलदार कोलार ने किया और 10 जून में उक्त संपत्ति का विक्रय अरोड़ा ने मोना बटेजा पति हितेश बटेजा को कर दिया। हमने कोलार एसडीएम कोर्ट में नामांतरण के विरुद्ध अपील की। प्रकरण राजस्व न्यायालय में विचाराधीन है।