हार्दिक पंड्या अपने करियर के सबसे नाजुक मोड़ से गुजर रहे हैं। इतनी टेंशन तो उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप फाइनल में इंजर्ड होकर स्ट्रेचर से वापस लौटते नहीं ली होगी, जितनी अब ले रहे होंगे, उनके लिए कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा। आईपीएल में मुंबई इंडियंस की कप्तानी मिली तो रोहित शर्मा के फैंस नाराज हो गए। गुजरात टाइटंस छोड़ा तो वहां के चाहने वालों को भी नाराज कर दिया। स्टेडियम में उनके खिलाफ जमकर हूटिंग की जाती है। इंजरी से वापस जरूर लौटे, लेकिन फॉर्म गायब है। न बल्ला चल रहा, न गेंद में धारी बची और तो और मुंबई इंडियंस की हालत भी खराब है। पांच बार की चैंपियन टीम पॉइंट्स टेबल में आखिरी पोजिशन पर फिनिश न करने की लड़ाई में लगी है। निराश, हताश और थके हुए हार्दिक पंड्या को 2 जून से शुरू हो रहे टी-20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का उपकप्तान बनाया गया है। भारतीय फैंस कतई नहीं चाहेंगे कि यह स्टार ऑलराउंडर आईपीएल वाली खराब फॉर्म लेकर वर्ल्ड कप न पहुंचे।
ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या को खराब फॉर्म के बावजूद न सिर्फ टीम में जगह देना बल्कि उपकप्तानी भी बरकरार रखना यह बताता है कि वह मैनेजमेंट के कितने खास हैं। कोच-कप्तान और चीफ सिलेक्टर जानते हैं कि पंड्या जब अपनी पूरी ताकत से खेले तो अकेले मैच पलट देंगे। वह शानदार ऑलराउंडर हैं। जोरदार बल्लेबाज हैं। टीम के लिए विकेटटेकर हैं, लेकिन अगर लगातार आउट ऑफ फॉर्म चलते रहे तो टीम का संतुलन बिगड़ जाएगा। भारत बुमराह के साथ अर्शदीप या सिराज में से किसी एक को ही प्लेइंग इलेवन में खिलाएगा। तीसरे पेसर का कोटा हार्दिक और शिवम दुबे को मिलकर करना होगा, लेकिन अगर हार्दिक आउट ऑफ टच दिखे तो सारे प्लान फ्लॉप हो जाएंगे।