Income Tax: भारतीय इनकम टैक्स विभाग ने देश के निवासियों द्वारा विदेश में रखी गई आय और संपत्तियों का ट्रैक रखने के प्रयास तेज कर दिए हैं। यह कदम कॉमन रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड (CRS) और फॉरेन अकाउंट टैक्स कंप्लायंस एक्ट (FATCA) के तहत वैश्विक डेटा शेयरिंग नेटवर्क का उपयोग करके विदेशी टैक्स चोरी के रास्ते बंद करने के लिए उठाया गया है। यह जानकारी 17 जुलाई 2025 को जारी दस्तावेज “Enhancing Tax Transparency on Foreign Assets & Income: Understanding CRS & FATCA” में दी गई है।
कॉमन रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड (CRS) और FATCA क्या है?
CRS, जो कि OECD की पहल है, देशों के बीच वित्तीय खातों की जानकारी का ऑटोमेटिक आदान-प्रदान सुनिश्चित करता है। भारत इस योजना का हिस्सा है और हर साल भारतीय निवासियों के विदेशों में रखे खातों का डिटेल प्राप्त करता है। FATCA मुख्य रूप से अमेरिकी नियम है, लेकिन यह भारत को उन भारतीय निवासियों की जानकारी भी देता है जो अमेरिका में टैक्सपेयर हैं या जिनके पास अमेरिकी खाते हैं।
विदेशी संपत्तियों की रिपोर्टिंग के नियम
- भारतीय इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत सभी निवासियों को अपनी विदेशी संपत्ति और आय की रिपोर्टिंग अनिवार्य है।
- Schedule FA: विदेशी संपत्तियों की जानकारी
- Schedule FSI: विदेश में अर्जित आय
- Schedule TR: विदेश में टैक्स भरने पर राहत के लिए
- Form 67: डीटीएए के तहत टैक्स क्रेडिट के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने से पहले ऑनलाइन जमा करना जरूरी।
- निरूपित एसेट्स की रिपोर्ट न करने पर सख्त दंड
- विदेशी आय और संपत्तियों की सही जानकारी न देने पर भारी जुर्माना और सजा का प्रावधान है।
- ₹10 लाख प्रति छुपाई गई संपत्ति का जुर्माना।
- टैक्स राशि का तीन गुना अतिरिक्त जुर्माना।
- छह महीने से सात साल तक की जेल हो सकती है।
- उदाहरण के लिए अगर अमेरिकी स्टॉक्स पर पूंजीगत लाभ या यूके स्थित ETF के डिविडेंड छुपाए गए, तो यह दंडित किया जाएगा, भले ही विदेश में टैक्स चुका दिया गया हो।
- दोहरी कराधान से बचाव के उपाय
- भारतीय निवासियों को दोहरी कराधान से बचाने के लिए सेक्शन 90/90A: डीटीएए के तहत राहत मिलती है।
- सेक्शन 91: अगर कोई टैक्स संधि नहीं है तो एकतरफा राहत
- राहत पाने के लिए सही तरीके से विदेशी आय की रिपोर्टिंग करनी होती है, जिसमें Schedule FSI, Schedule TR, और Form 67 का समुचित उपयोग जरूरी है।
- क्रिप्टोकरेंसी और NFT की रिपोर्टिंग
- क्रिप्टोकरेंसी और NFT से हुई आय को Schedule VDA में रिपोर्ट करना अनिवार्य है। अगर ये डिजिटल संपत्तियां विदेशी वॉलेट या एक्सचेंज में हैं, तो इन्हें Schedule FA में भी घोषित करना होगा। इस आय पर 30% की फिक्स्ड टैक्स दर लागू होती है, जिसमें कोई कटौती नहीं होती।
- विदेशी निवेश और रिपोर्टिंग की बढ़ती अहमियत
- FY25 में भारतीय निवासियों द्वारा विदेशी निवेश $1.69 अरब से अधिक हुआ, जो FY24 से 12% अधिक है। विदेशी निवेश बढ़ने के साथ-साथ टैक्स अनुपालन का जोखिम भी बढ़ रहा है। ऐसे में सही और समय पर रिपोर्टिंग जरूरी है।
- CRS और FATCA के तहत कड़ी निगरानी
- CRS और FATCA के जरिए रियल-टाइम डेटा आदान-प्रदान के कारण टैक्स चोरी करना मुश्किल होता जा रहा है। इनकम टैक्स विभाग ने साफ संदेश दिया है कि विदेशी आय और संपत्तियों की स्वैच्छिक घोषणा जरूरी है, अन्यथा सख्त दंड का सामना करना पड़ेगा।