मध्य प्रदेश हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, जबलपुर के अध्यक्ष रमन पटेल व सचिव मनीष तिवारी ने 15 फरवरी से शुरू हुई भौतिक सुनवाई को लेकर खुशी जताई। लेकिन यह भी साफ किया कि 65 वर्ष से अधिक आयु के अधिवक्ताओं व पक्षकारों को भीड़ के बीच अधिक न आने के निर्देश दिए गए हैं। इसलिए भौतिक सुनवाई धीरे-धीरे गति लाएगी, ऐसी संभावना है। कुछ माह भौतिक व सीमित दोनों तरह की सुनवाई का आलम रहेगा। कई वकील व पक्षकार वीडियो कॉफ्रेंसिंग का विकल्प चुनेंगे। इसके बाद धीरे-धीरे भौतिक सुनवाई का वातावरण प्रगाढ़ हो जाएगा। कोविड के खतरे के बीच सावधानी बरते जाने पर भी पूरा जोर रहेगा।
झुंड बनाकर परिसर में खड़े होने की मनाही : हाई कोर्ट बार में अधिक संख्या में प्रवेश व उपस्थिति भी प्रतिबंधित की गई है। एक साथ झुंड बनाकर परिसर में खड़े होने की मनाही है। मास्क अनिवार्य है। सैनिटाइजर का उपयोग भी आवश्यक किया गया है। सभी न्यायिक कर्मियों को निर्धारित कार्य योजना के अनुरूप जुटने कहा गया है। कोर्ट रूम सुरक्षित कर दिए गए हैं। वहां नियमानुसार ही प्रवेश मिल सकेगा। एक साथ अधिक उपस्थिति लागू नहीं होगी। पूर्व की तरह पूरी तरह चहल-पहल में अभी लंबा समय तय है। इसके लिए केंद्र व राज्य शासन की गाइडलाइन पर नजर रहेगी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट की ओर से समुचित दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। जिला अदालत में भी यही हाल है। वहां भौतिक सुनवाई जारी तो हो चुकी है लेकिन खतरे को भांपकर वकील व पक्षकार पर्याप्त सावधानी बरत रहे हैं। जान है तो जहान है, वाला जुमला काम कर रहा है।