Madhya Pradesh News: तेंदूखेड़ा। नईदुनिया न्यूज। प्रदेश के सबसे बड़े अभयारण्य का तमगा हासिल करने वाले नौरादेही अभयारण्य का भ्रमण करने और पक्षियों की गणना करने चार राज्यों से वालंटियरों की टीम पहुंची है। जिन्होंने अभयारण्य की अधिकांश रेंजों का भ्रमण कि या। इस अभयारण्य की सबसे बड़ी बात यह सामने आई है कि यहां 39 प्रजातियों के विदशी पक्षी भी पाए गए हैं। इस दो दिवसीय भ्रमण के दौरान सर्वेयरों ने जंगल के कई पहलुओं की जानकारी एक त्रित की। जिसका समापन रविवार को मुहली रेंज परिषर में कि या गया। जिसमें नौरादेही डीएफओ राखी नंदा भी मौजूद रहीं।
नौरादेही अभयारण्य में पक्षियों का यह तीसरा सर्वे है जिसमें महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक व मध्यप्रदेश से वालंटियर पहुंचे थे। यह वालंटियर 29 जनवरी को नौरादेही पहुंचे जिन्होंने छह रेजों का भ्रमण कि या। जिसमें दिनेश ग्वाली, प्रदीप सुखवाल, प्रशांत शिंदे, गौरव निगम, नीरज बागवान, विपुल लुनिया, लक्ष्मी वनिता, शिवोहम शुक्ला, स्वतंत्र अग्रवाल, नरेश बेसरा, वीरेंद्र विश्वकर्मा, स्वपनिल बहाने, इशिता खेमरिया, निकि ता खंपरिया, मनीष सोनी, अभिषेक पालीवाल, चंद्रशेखर, संजय गुप्ता, नीतेश गुप्ता, जगत प्लोरा, विप्रांस पांडे, रवि वर्मा, श्रीकांत, ओमप्रकाश, क्षितिज नामदेव, निहारिका, अलीसा सैनी, राके श दुबे, दिनेश दुबे, डीपी अवस्थी, लोकनाथ, एम कृष्ण प्रसाद, सुयश, जगत, जय शर्मा, अमित शाकल्य, कृति शाकल्य, सुनील पटेल, प्रवेश मिश्रा शामिल थे। इस दौरान मोहली रेंजर राहुल उपाध्याय, सिंगपुर रेंजर देवेश गौतम, झापन रेंजर मोहित तिवारी, नौरादेही रेंजर निखलेश शर्मा, सर्रा रेंजर वीरेंद्र सिंह की मौजूदगी रही।
वालंटियरों ने बताए अपने अनुभव
नौरादेही एसडीओ सेवाराम मलिक ने बताया कि वालंटियरों ने नौरादेही अभयारण्य के डोंगर गांव रेंज में रीछई तालाब, सर्रा रेंज में निहली तालाब, तारादेही क्षेत्र कलियाकु हीं तालाब, टेवना तालाब, नौरादेही रेंज में एक नंबर तालाब, मोगरा तालाब, मोहली रेंज में छेवला तालाब, बलेह मानेगांव क्षेत्र जगतराई तालाब, पटपरा तालाब, बड़ी झील, वर्मा तालाब क्षेत्र, रगेदा घाट, चकई नाला क्षेत्र, सिंगपुर रेंज में जमरासी तालाब, खपराखेड़ा तालाब, बरमानी तालाब क्षेत्र व झापन रेंज में कु दपुरा तालाब क्षेत्र का निरीक्षण वालंटियरों ने कि या है। जिसमें उनका काफी अच्छा अनुभव रहा। इंदौर से आए उद्योगपति अजीत मंशमानी ने बताया कि नौरादेही अभयारण्य में काफी विविधता व संभावनाएं हैं। यहां का वातावरण पक्षियों के लिए अनुकू ल है। रवि वर्मा ने बताया कि वह अभयारण्य क्षेत्र में पहली बार आए हैं और उन्हे काफी अच्छा लगा है।