Madhya Pradesh News: शोषण के खिलाफ मप्र के स्थाईकर्मी 8 मार्च को करेंगे विरोध प्रदर्शन

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Madhya Pradesh News: भोपाल । प्रदेशभर के स्थाई कर्मी शोषण के खिलाफ 8 मार्च को विरोध दर्ज कराएंगे। जिला मुख्यालयों पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम पर कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपेंगे। ये स्थाई कर्मी 5 से 10 हजार रूपये वेतन मिलने, अनुकंपा नियुक्ति का नियम नहीं होने, सातवें और छठवें वेतनमान का लाभ नहीं मिलने समेत अन्य सुविधाओं के नहीं मिलने से नाराज हैं।

मध्य प्रदेश स्थाई कर्मी कल्याण संघ अध्यक्ष शारदा से परिहार ने यह चेतावनी दी है। उनके आरोप है कि पिछले 10 सालों से संघ के नेतृत्व में सभी विभागों में काम करने वाले स्थाई कर्मी मांगों को लेकर अपने-अपने स्तरों पर प्रयास कर चुके हैं। हर बार उन्हें आश्वासन मिलता है लेकिन उनकी मांगे नहीं मानी जा रही है। जबकि स्थाई कर्मी 40 साल से भी अधिक समय से प्रदेश के लगभग सभी शासकीय विभागों में सेवाएं दे रहे हैं। पूर्व में इन्हें दैनिक वेतन भोगी के नाम से जाना जाता था। अब स्थाई कर्मी नाम दे दिया है लेकिन शासकीय कर्मचारियों का दर्जा नहीं दिया जा रहा है। प्रदेश के स्थाई कर्मी इस तरह किए जा रहे हैं शोषण के खिलाफ एक हो गए हैं। 8 मार्च 2021 को प्रदेश के समस्त जिला मुख्यालय पर मध्य प्रदेश स्थाई कर्मी कल्याण संघ के सभी जिला अध्यक्ष अपने अपने जिले में धरना देंगे। मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंपेंगे। शारदा सिंह परिहार का आरोप है कि स्थाई कर्मी का नौकरशाह द्वारा शोषण किया जा रहा है। काम 12-12 घंटे लगातार लेते हैं वेतन के नाम पर शोषण करते हैं। शासन के विभागों में श्रम नियमों का उल्लंघन हो रहा है। कर्मचारी को समय से वेतन नहीं मिल रहा है। कोई वरिष्ठा सूची नहीं है नौकरशाह जब चाहे सेवा से पृथक कर देते हैं। कार्य के दौरान यदि दुर्घटना में किसी प्रकार की क्षति हो जाए या मृत्यु हो जाए तो अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नहीं है और ना ही चिकित्सा सुविधा मिल रही है। 25 से 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के बावजूद भी न शासकीय कर्मचारियों का दर्जा न शासकीय कर्मचारियों के समान सुविधा मिल रही है। उपेक्षा से प्रदेश के कर्मचारी आक्रोशित है और धरना आंदोलन के माध्यम से ज्ञापन सौंपकर मांग करेगा की विनियमित शब्द को विलोपित कर स्थाई कर्मियों को नियमित कर्मचारियों के समान सातवां वेतनमान, अनुकंपा नियुक्ति, चिकित्सा सुविधा, चिकित्सा अवकाश सहित आदि समस्त मूलभूत सुविधाएं दी जाएं।

दैनिक वेतन भोगी सुरक्षा श्रमिकों एवं अंशकालीन दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नीति बनाकर नियमित किया जाए। पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए।

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