Monsoon Session 2024: एमपी विधानसभा में गोहत्या रोकथाम सहित 6 विधेयक पारित हुए, जानें और क्या हुआ पास

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विधानसभा की कार्यवाही शुक्रवार को निर्धारित समय से 14 दिन पहले ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई है। इस दौरान 3.65 लाख करोड़ रुपये के राज्य बजट को पारित करने सहित सूचीबद्ध कामों का निपटारा किया गया। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट पारित करने का प्रस्ताव रखा, लेकिन विपक्षी कांग्रेस ने इस पर मत विभाजन की मांग की। इस मांग को विधान सभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने इस आधार पर खारिज कर दिया कि इसके लिए अनुमति नहीं मांगी गई थी। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी। इस दौरान पक्ष विपक्ष में जमकर हंगामा हुआ।

हंगामे के बीच सदन ने शुक्रवार को चर्चा के लिए रखे गए सभी 6 विधेयकों को पारित कर दिया। शुक्रवार को पारित विधेयकों में वह विधेयक भी शामिल है, जिसमें प्रावधान है कि राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्य अपना आयकर स्वयं भरेंगे, न कि राज्य सरकार भरेगी। बोरवेल को खुला रखना दंडनीय अपराध बनाने संबंधी विधेयक भी शामिल है।

इसके अलावा सदन ने निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना और संचालन के लिए संशोधन विधेयक, वस्तु एवं सेवा कर संशोधन विधेयक पारित किया है। इसके साथ ही मप्र सुधार सेवाएं एवं कारागार विधेयक भी पारित किया गया है। गोहत्या निषेध अधिनियम में संशोधन के लिए विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम द्वारा मंदिरों में रखे जाने वाले ढोलक संबंधी टिप्पणी के बाद शुक्रवार दोपहर सदन में हंगामा हो गया।

विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी ने मत विभाजन की मांग करके सही किया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा कथित नर्सिंग घोटाले जैसे मुद्दों पर चर्चा से डरती है। इससे पहले, भाजपा विधायक अभिलाष पांडे द्वारा संविधान के अनुच्छेद 30 को रद्द करने की मांग के बाद सत्ता और विपक्ष के बीच नोकझोंक हुई। अनुच्छेद 30 अल्पसंख्यकों को शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने और उन्हें संचालित करने के अधिकार से संबंधित है। पांडे का उनके सहयोगी रामेश्वर शर्मा ने समर्थन किया। कांग्रेस के आतिफ अकील ने इसका विरोध किया और कहा कि भाजपा नर्सिंग घोटाले से ध्यान हटाने के लिए इस मुद्दे को उठा रही है।

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