भोपाल: मध्य प्रदेश में नई सरकार ने 1 मई से 10 जून 2025 तक तबादले पर लगी रोक को हटाया था। इस दौरान प्रदेश सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों के थोकबंद तबादले हुए हैं। इस बीच, विधानसभा में एक ऐसा सवाल आया, जिसका जवाब देकर खुद स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह फंसते नजर आ रहे हैं।
ट्रांसफर के लिए मांगे गए थे ऑनलाइन आवेदन
दरअसल, इस बार तबादले के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन की गई थी। विभाग ने ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। 4503 शिक्षकों ने ट्रांसफर की अर्जी लगाई, लेकिन इसके मुकाबले विभाग ने 11 हजार 584 शिक्षकों के तबादले किए।
आवेदन कम, तबादले ज्यादा
विभाग को 4503 आवेदन आनलाइन मिले, लेकिन तबादला 11584 हो गया। यह जानकारी कांग्रेस विधायक जयवर्धन के सवाल पर स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने दी है। दरअसल, राघौगढ़ से कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने विधानसभा में स्कूल शिक्षा विभाग से शिक्षकों के तबादलों को लेकर सवाल पूछा था। स्कूल शिक्षा मंत्री ने जब इसका जवाब दिया तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए।
ट्रांसफर पोर्टल पर करोड़ों खर्च
उदय प्रताप सिंह के विभाग ने ट्रांसफर के लिए बनाए गए पोर्टल के लिए ही करीब पौने 6 करोड़ रुपए खर्च कर डाले। मंत्री ने जवाब दिया कि स्कूल शिक्षा विभाग के पास 4503 शिक्षकों ने तबादलों के लिए आवेदन किए।
कांग्रेस विधायक ने पूछे सवाल
विभाग ने 11584 शिक्षकों के तबादले किए। इनमें 7976 शिक्षकों के स्वैच्छिक ट्रांसफर किए गए हैं, जबकि 3608 शिक्षकों के ट्रांसफर प्रशासकीय स्तर पर किए। कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने आरोप लगाया है कि जब ट्रांसफर के लिए साढ़े 4 हजार टीचर्स ने आवेदन किए तो विभाग ने 7976 शिक्षकों के स्वैच्छिक तबादले कैसे कर दिए?