MP News: वल्लभ भवन की हालत अलार्मिंग स्टेज पर, पहले आग अब शुरूआती बारिश में ही छत से टपकने लगा पानी

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मध्य प्रदेश के मुख्य प्रशासनिक भवन कहे जाने वाले वल्लभ भवन में बारिश के कुछ ही दौर में छतों से पानी टपकने लगा है। यह एक चिंता का विषय है। इस भवन में 9 मार्च और 11 जून को भीषण आग लगी थी। अब लटके बिजली के तारों के बीच से पानी टपकने से सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की जान को खतरा बना हुआ है। सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को भवन का निरीक्षण किया और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए तिरपाल लगाने जैसे अस्थायी इंतजाम करने को कहा।

पिछले समय में भीषण आग लगने के बाद भवन की पांचवीं मंजिल का बड़ा हिस्सा जलकर खाक हो गया था। हाल ही में भवन की पांचवीं मंजिल पर मरम्मत कार्य शुरू किया गया है। पांचवीं मंजिल पर हुए नुकसान के कारण चौथी मंजिल की छत से शुरुआती बारिश में ही पानी रिसने लगा है। बिजली के तार भी खुले पड़े हैं, जिसको कारण तारों के बीच से पानी रिसने से कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है।

खुले तारों के बीच रिस रही छत

9 मार्च को प्रशासनिक भवन की मंजिलों में आग लग गई थी। इस भीषण आग में 50 से अधिक कार्यालय और कक्ष राख हो गए थे। आग बुझाने के लिए सेना को बुलाना पड़ा था। भोपाल में प्रशासनिक भवन में एक साल से भी कम समय में यह चौथी आग थी। पिछले साल 12 जून को सतपुड़ा भवन की भी मंजिलें जलकर खाक हो गई थीं। इसी साल 20 फरवरी को भी इसी इमारत के मलबे में फिर आग लग गई थी। इस साल 11 जून को वल्लभ भवन में फिर आग लग गई थी। आग की वजह शॉर्ट सर्किट को माना जा रहा है। अब मंजिल की छत खुले बिजली के तारों के बीच से रिस रही है।

क्या बोला प्रशासन

सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि भवन के लिए दो योजनाएं बनाई जा रही हैं। एक योजना छतों से पानी रिसने के लिए अस्थायी व्यवस्था करने की है। वहीं दूसरी योजना में वल्लभ भवन-1 की बड़े पैमाने पर मरम्मत की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि दूसरी योजना के क्रियान्वयन में समय लगेगा और तब तक छतों से पानी रिसने से रोकने के लिए अस्थायी व्यवस्था की जाएगी।

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