धार जिले की बाग प्रिंट को एक बार फिर पुरस्कार से नवाजा गया है। इस बार बाग की 50 वर्षीय कलाकार रशीदा बी खत्री को सम्मान मिलने जा रहा है। दरअसल बाग प्रिंट एक ऐसी कला है, जिसका महिलाओं से विशेष नाता रहा है। और इसी के चलते यहां की कई महिलाओं ने राष्ट्रीय स्तर पर भी अवार्ड जीते हैं। यह ऐसी तीसरी महिला हैं जो राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार की श्रेणी में आई हैं। रशीदा बी उनके पति की मौत के बाद टूटी नहीं। इस कारोबार को बखूबी संभाला और अपने परिवार के लिए इसे विशेष रूप से आगे बढ़ाने में अपना योगदान दिया है।
बता दें कि भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय द्वारा हाल ही में एक सूची जारी की गई है। इस सूची के तहत रशीदा को राष्ट्रीय मेरिट पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। 2018 के लिए उन्हें यह पुरस्कार दिया जाएगा। इसके तहत रशीदा बी को प्रशस्ति पत्र और 50 हजार रुपये की राशि का चेक प्रदान किया जाना है। आगामी दिनों में यह पुरस्कार उनको प्रदान किया जाएगा।
इधर सबसे अहम बात यह है कि रशीदा बी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बाग कला को पहचान दिलाने के लिए प्रयासरत रहती हैं। शिल्पकार रशीदा बी खत्री को यह पुरस्कार चादर पर बाग प्रिंट की बारीक कारीगरी के लिए प्रदान किया जाएगा। उन्होंने बाग प्रिंटिंग में प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल कर आकर्षक लुक प्रदान किया है। रशीदा बी खत्री को बाग प्रिंट ठप्पा छपाई कला में महारत हासिल है।
इससे पूर्व भी इन्हें वर्ष 2012 एवं 2014 में दो राज्य स्तरीय पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। रशीदा बी खत्री बाग प्रिंट के लिए दुनिया भर में जाने माने वाले मशहूर मास्टर शिल्पकार राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय यूनेस्को पुरस्कार विजेता स्व. अब्दुल कादर खत्री की पत्नी हैं। वर्ष 2019 में इनके पति के निधन के बाद इन्होंने अपने पुत्र आरिफ, मोहम्मद, हामिद एवं मो. अली के साथ मिलकर बाग प्रिंट शिल्प को बढ़ावा देने का जिम्मा उठाया है।










































