मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में हाईप्रोफाइल शादियों को निशाने बनाने वाले गिरोह का पुलिस ने खुलासा किया है। गिरोह के लोग शादी समारोह में चोरी के लिए नाबालिग बच्चों का इस्तेमाल करते थे। इन लोगों ने कई शादियों में चोरी की है। ये लोग राजगढ़ जिले के एक गांव से गिरोह का संचालन कर रहे थे। गैंग के लोग परिवार का हिस्सा बनकर छोटे बच्चों के माध्यम से बड़ी तादाद में सोना जेवरात सहित नगदी और महंगे इलेक्ट्रिक आइटम चोर कर लेते थे।
पुलिस ने निकाला एक साल का रेकॉर्ड
इस पर पुलिस ने एक साल का रेकॉर्ड निकाला, जिसमें सामने आया कि अलग-अलग राज्यों से 200 से ज्यादा टीमें चोरी के मामले में राजगढ़ पहुंची थी। इनमें मिर्जापुर, अलीराजपुर, आगर मालवा, चित्तौड़, इंदौर, उज्जैन सहित अन्य जगह की टीम में आई है। इसके बाद यह खुलासा हुआ कि बड़े पैमाने पर यह गैंग चल रहा है। इस पर पुलिस ने प्लान तैयार किया। एसपी ने बताया कि इसमें एक समस्या आती थी कि जो मुख्य आरोपी होते थे वह पुलिस की जांच और अरेस्टिंग से बाहर रहते थे। इस बार टेक्निकल इंटेलिजेंस की मदद से दो मुख्य आरोपियों सहित चोरी का सोना खरीदने वाले सुनार को भी गिरफ्तार किया है।
सोना और चांदी भी जब्त किए
राजगढ़ एसपी ने बताया कि आरोपियों के पास से 659 ग्राम सोना, 1164 ग्राम चांदी सहित 53 लाख 80 हजार रुपए की मशरूका बरामद की है। उन्होंने बताया कि आरोपी चोरी की वारदात के बाद सुनार की मदद से चुराए गए माल को बैंकों में रखकर गोल्ड लोन लेकर पैसे ले लेते थे । इसके बाद जब एक या डेढ़ साल बाद पुलिस के द्वारा इस मामले पर ध्यान नहीं दिया जाता तो अन्य जगह चोरी की वारदात को अंजाम देकर वहां से चुराए नगदी से माल निकाल लेते थे।
शादी समारोह में करते थे रैकी
बताया जा रहा है कि आरोपी देश के विभिन्न स्थानों पर जाकर शादी समारोह के स्थलों की रेकी जाती थी। उसके बाद अस्पताल या सार्वजनिक स्थानों या होटल में रहकर घटनास्थल को चिह्नित कर शादियों में अच्छे कपड़े पहनकर मेहमानों के साथ शामिल होते थे। दूल्हा-दुल्हन और उनके माता-पिता के बैग और सामान पर नजर रखते थे। मौका पाते ही नाबालिगों की मदद से चोरी की वारदात को अंजाम दे देते थे।