SC ने ऑक्सीजन सप्लाई पर केन्द्र से मांगा जवाब, तीसरी लहर को लेकर जताई चिंता

0

सुप्रीम कोर्ट में इन दिनों लगातार देश की राजधानी दिल्ली में जारी ऑक्सीजन के संकट को लेकर सुनवाई चल रही है। ऑक्सीजन की कमी का मामला दिल्ली हाईकोर्ट से आगे बढ़कर अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। केन्द्र सरकार ने दिल्ली सरकार की पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलने की शिकायत पर अदालत को बताया कि दिल्ली में बुधवार को 730 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई की गई है, जो सुप्रीम कोर्ट के 700 मीट्रिक टन के आदेश से ज्यादा है।

केंद्र सरकार ने ये भी कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में पर्याप्त ऑक्सीजन का स्टॉक मौजूद है। केंद्र के मुताबिक 4 मई को 56 प्रमुख अस्पतालों में किए गए सर्वे से पता चला है कि उनके पास ऑक्सीजन के जरूरी स्टॉक उपलब्ध हैं। केंद्र ने ये भी कहा कि ऑक्सीजन ऑडिट की जरूरत है, क्योंकि सप्लाई हो रही है लेकिन लोगों तक नहीं पहुंच रही है। इसका मतलब कुछ केंद्र और कुछ दिल्ली के हिस्से में गड़बड़ है।

हाईकोर्ट में क्या हुआ था?

ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर पहले हुए सुनवाई में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया था कि दिल्ली की मांग ज्यादा है, लेकिन 500 MT ऑक्सीजन से भी काम चल सकता है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने इससे इनकार करते हुए दिल्ली में 700 MT मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करने का आदेश दिया था। इसके बाद मंगलवार को राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में फिर अपील करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार 700 MT ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं कर रही। इस पर हाई कोर्ट ने केन्द्र सरकार के ऑक्सीजन का मैनेजमेंट करनेवाले अधिकारियों को पेश होने का निर्देश दिया, तो केन्द्र सरकार के वकील एडिशनल सालिसिटर जनरल (ASG) चेतन शर्मा ने पहले तो ये दलील दी कि 700 MT ऑक्सीजन देने का आदेश नहीं दिया गया था और फिर जवाब देने के लिए और मोहलत मांगी। इस पर अदालत ने उनकी सभी दलीलें खारिज करते हुए अवमानना कार्रवाई शुरु करने का आदेश दिया।

सुप्रीम कोर्ट के अहम सवाल

  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘हमें मुद्दे को अखिल भारतीय स्तर पर देखने की जरूरत है। ऑक्सिजन का ऑडिट जरूरी है. एक बार स्टॉक जारी होने के बाद जवाबदेही तय की जाए।
  • कोरोना की तीसरी लहर की आने की बात भी हो रही है, ऐसे में सरकार सुनिश्चित करें कि दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी न हो।
  • अभी हम दिल्ली को देख रहे हैं लेकिन ग्रामीण इलाकों का क्या, जहां ज़्यादातर लोग झेल रहे हैं? आपको एक राष्ट्रीय नीति बनाने की जरूरत है, आप सिर्फ आज की स्थिति को देख रहे हैं लेकिन हम भविष्य को देख रहे हैं, उसके लिए आपके पास क्या प्लान है?
  • कई वैज्ञानिकों की रिपोर्ट है कि थर्ड वेव शुरू हो सकता है। अगर बच्चे इनफेक्ट होते हैं, तो मां-बाप कैसे क्या करेंगे, अस्पताल में रहेंगे या क्या करेंगे, क्या प्लान है?
  • क्या हम डॉक्टर को टीम तैयार कर सकते हैं, जो टेक्नोलॉजी से इलाज करे? सेकेंड वेव को हैंडल करने के लिए मैन पावर नहीं है तो थर्ड वेव के लिए भी हमारे पास मैन पावर नहीं होगा।
  • क्या हम फ्रेश ग्रेजुएट डॉक्टर और नर्स का उसमें इस्तेमाल कर सकते हैं? थर्ड फेस में डॉक्टर और नर्स थक चुके होंगे, तब क्या करेंगे? कोई बैकअप तैयार करना होगा।
  • देश में 1.5 लाख डॉक्टर और ढाई लाख नर्स घरों पर बैठे हुए हैं, वह तीसरी वेव में अहम भूमिका निभा सकते हैं, 1 लाख डॉ NEET परीक्षा का इंतज़ार कर रहे हैं आपके पास उनके लिए क्या प्लान है?
  • जरूरी है कि जब हम तीसरी लहर की योजना बनाएं, तो कम आयु वर्ग का टीकाकरण भी पूरा हो जाए। हमें वैज्ञानिक और समेकित तरीके से योजना बनाने की जरूरत है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here