रमन बोरखड़े, सेंधवा (बड़वानी), Tantra Ke Gan। लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र की ओर से आने वाले मजदूरों को रोकने की बात कहें या फिर अनलॉक के बाद प्रतिदिन हजारों मजदूरों को प्रदेश की सीमा पर खाने-पीने और विश्राम सहित उनको बसों से छुड़वाने की सुचारु व्यवस्था की बात हो, एक नाम सामने आता है तत्कालीन एसडीएम घनश्याम धनगर का। धनगर वर्तमान में बड़वानी एसडीएम का प्रभार संभाल रहे हैं। संक्रमणकाल शुरू होने के बाद महाराष्ट्र की ओर से प्रतिदिन हजारों प्रवासी मजदूर चोरी-छिपे प्रदेश की सीमा में आ रहे थे। उन्हें एसडीएम घनश्याम धनगर ने अप्रैल की कड़ी धूप में सीमा पर टीम के साथ तैनात होकर रोका।
इससे निश्चित रूप से संक्रमण फैलने से रुका। इसके बाद जब अनलॉक हुआ तो प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए शासन ने मध्य प्रदेश सीमा से बसें चलाईं। इस दौरान भी एसडीएम घनश्याम धनगर ने सुबह 6 से देर रात तक मजदूरों को बसों से पहुंचाने के साथ उनके ठहरने व भोजन की व्यवस्था के लिए प्रतिदिन 18-18 घंटे काम किया।तत्कालीन एसडीएम धनगर ने संक्रमण की शुरुआत में सेंधवा में भी लोगों को किराना, मेडिकल, दूध सहित आवश्यक सेवा पहुंचाने के लिए आए दिन बैठक, शहर में भ्रमण, गरीब जरूरतमंदों के लिए समाजसेवी संस्थाओं के माध्यम से भोजन पहुंचाने की व्यवस्थाएं सुचारु रूप से संचालित की। प्रवासी मजदूरों के आने के दौरान 20 मई की शाम मध्य प्रदेश सीमा पर बस में महिला को प्रसव हो गया। एसडीएम धनगर ने महिला, नवजात और एक साथी महिला को खुद के वाहन से स्वास्थ्य अमले के साथ सिविल अस्पताल पहुंचाया। इस कारण महिला को समय पर उपचार मिल सका।