UK में प्रवासियों के खिलाफ प्रदर्शन, 15 लोग गिरफ्तार:बच्ची से छेड़खानी के बाद भड़के स्थानीय लोग, विरोध करने हथोड़े लेकर पहुंचे

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नॉर्थ वेस्ट इंग्लैंड में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद लोकल पुलिस ने 15 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। मर्सीसाइड पुलिस ने बताया कि प्रदर्शन में एक पुलिस वाला और 2 लोग घायल हो गए थे। जिस जगह पर घटना हुई वो लिवरपुल से 13 किलोमीटर दूर बसा एक गांव हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक एक प्रवासी पर स्थानीय बच्ची के साथ छेड़छाड़ के आरोप लगे थे। जिससे लोग भड़के गए। घटना के बाद 20 साल के लड़के गिरफ्तार किया गया था। हालांकि बाद में उसे चाइल्ड प्रोटेक्शन सर्विस के कहने पर छोड़ दिया गया।

प्रदर्शन करने हथोड़े लेकर पहुंचे लोग
पुलिस ने शनिवार को बताया कि जिस होटल में छेड़छाड़ का आरोपी लड़का ठहरा हुआ था। स्थानीय लोग वहां रात में हिंसा करने लगे। ये हथोड़े और विस्फोटक अपने साथ लेकर आए। ये लोग वहां काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाना चाहते थे। जिससे किसी की जान भी जा सकती थी।

सांसद ने कहा- पूरी कम्यूनिटी एक जैसी नहीं
नॉस्ले के सांसद जॉर्ज होवार्थ ने पूरे मामले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने प्रवासियों पर हमले की निंदा की और कहा, इलाके की पूरी कम्यूनिटी प्रवासियों को लेकर प्रदर्शनकारियों के विचारों से सहमत नहीं है। सभी लोग कट्टर नहीं हैं। हम दुनिया के खतरनाक इलाकों से बचकर आए लोगों का स्वागत करते हैं।

2022 में 45 हजार प्रवासी गैर कानूनी तरीके से इंगलैंड पहुंचे
ब्रिटेन पूरे यूरोप में सबसे कम प्रवासियों को पनाह देता है, पर हाल ही में इंग्लिश चैनल पार कर छोटी-छोटी नावों से काफी प्रवासी इंग्लैंड पहुंच रहे हैं। 2022 में लगभग 45 हजार प्रवासी यहां पहुंचे। जिससे असायलम के लिए अप्लाई करने वालों की तादाद काफी बढ़ गई है। इन लोगों को समय पर रहने की जगह नहीं मिल पाती तो ये होटल में रहना शुरू कर देते हैं।

गलत तरह से ब्रिटेन पहुंचने वालों में भारतीय भी शामिल
भारतीय लोग भी छोटी बोट पर इंग्लिश चैनल को पार कर अवैध तरीके से ब्रिटेन में दाखिल होने वालों में तीसरे नंबर पर हैं। यह जानकारी खुद ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने दी थी।

‘द टाइम्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक, होम ऑफिस के अधिकारियों ने बताया कि भारतीय छात्र नियमों में एक लूपहोल का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे उन्हें ब्रिटेन में शरण लेने में आसानी हो रही है। इसके जरिए छात्रों को यहां रहकर पढ़ाई करने के लिए अंतरराष्ट्रीय फीस की जगह बहुत कम घरेलू फीस ही चुकानी पड़ती है।

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