कांग्रेस के दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए कुछ कांग्रेसी द्वारा स्थानीय कांग्रेस भवन में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में कांग्रेस के बड़े पदाधिकारी सहित विधायकों के नहीं आने पर कांग्रेस कार्यालय में उपस्थित हुए कुछ कांग्रेसी भड़क गए और उन्होंने कांग्रेस विधायक सहित नए जिला अध्यक्ष और संगठन पर जमकर अपनी भड़ास निकाली । उन्होंने कहा कि जो विधायक और पार्टी पदाधिकारी अपने ही वरिष्ठ कांग्रेसीयों की श्रद्धांजलि में नहीं आ सकते, तो वह किस काम के है । कांग्रेस के चारों विधायक और लांजी की पूर्व विधायक हिना कावरे सहित नए बनाए गए जिला अध्यक्ष को जम कर आडे हाथों लेते हुए, जमकर भड़ास निकाली और कहा कि यह वह विधायक है, जो भाजपा के मंचों पर जाकर हाजिरी लगाते हैं । जबकि इनको अपनी विपक्ष की भूमिका निभानी चाहिये । कांग्रेस जिला अध्यक्ष की नियुक्ति पर भी सवाल उठाए और जल्द ही शीर्ष नेतृत्व से नियुक्ति को लेकर बात करने की बात कही हैं ।
आपको बता दे की 22 अगस्त को स्थानीय कांग्रेस कार्यालय में कुछ कांग्रेसियों द्वारा दिवंगत हुए कांग्रेस नेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करने के श्रद्धांजलि समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया । जिसमें स्व. विजया प्रभा सरस्वार , स्व.राधेलाल कसार, स्व. ज्ञानचंद बाफना, स्व. खूबचंद भोज, स्व.त्रिलोकचंद कोचर, स्व. बेला बिसेन, स्व. मेहरुन निशा, स्व.उर्मिला शुक्ला, स्व. निराशा बाहेश्वर, स्व. दुर्गेश सोनी को सभी ने श्रद्धांजलि अर्पित की। बाद में एक सभा का आयोजन किया गया । जिसमें बारी-बारी से कुछ वरिष्ठ कांग्रेसियों ने इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में कांग्रेस के विधायकों और कांग्रेस पदाधिकारीयों के नहीं पहुंचने पर सवाल खड़े किए और कहा कि आज जिन कांग्रेस के कार्यकर्ता और कांग्रेसियों द्वारा उनके लिए मेहनत की जा रही है और उन्हें आज जीता कर विधायक बनाया गया है, वह आज जीतने के बाद संगठन और कांग्रेस के कार्यकर्ता को भूल गए हैं । लांजी की पूर्व विधायक हिना कावरे अपने अनुसार कांग्रेस में नियुक्तियां करवा रही है, जो की सही नहीं है। कांग्रेस विधायकों की कार्य प्रणाली पर भी सवाल खड़े किए गए और कांग्रेस विधायकों पर आरोप लगाया कि वह भाजपा के मंचों में जाकर भाजपा के मंत्री और मुख्यमंत्री के पास जाकर हाजिरी लगाते हैं। जबकि उन्हें आज विपक्ष में बिठाया गया है, तो उन्हें विरोध करना चाहिए , लेकिन यह मुख्यमंत्री के आगमन पर उनके स्वागत की होल्डिंग लगाते हैं। कांग्रेस जिला अध्यक्ष की नियुक्ति पर भी सवाल उठाए गये और कहां की आज काम करने वाले नेताओं को संगठन में स्थान नहीं मिल रहा है । जिला अध्यक्ष नियुक्ति यही के नेताओं और विधायकों के कहने पर की गई है, जिसका प्रमाण स्थानीय सुजान धर्मशाला में हिना कावरे द्वारा स्वयं मंच से अपने बयान में बताया गया था । जो की सही नही हैं ।
दिवंगत कांग्रेसियों को भूली कांग्रेस
वरिष्ठ कांग्रेसी रहीम खान, अल्लाह रखा और धर्मेंद्र कुरील ने कहा कि आज जो देवांगत हो गये वरिष्ठ कांग्रेसी है, उनको श्रद्धांजलि देने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जो बहुत ही सराहनी है। इन दिवंगत कांग्रेसियों ने कांग्रेस के लिए बहुत काम किया है और संगठन को मजबूत करने के लिए इनका अहम योगदान रहा है, किंतु आज कांग्रेस संगठन के पदाधिकारी ने उन्हें श्रद्धांजलि के लिए कोई कार्यक्रम नहीं किया, उनके परिजनों से नहीं मिले जो कि गलत है। जबकि जिला अध्यक्ष रहे संजय उइके को उनके घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करना था। लेकिन ऐसा उन्होंने नही किया ,
कांग्रेस पार्टी में व्यक्तिवाद और परिवारवाद चल रहा है – सौरभ लोधी
सौरभ लोधी ने भी जिला अध्यक्ष की नियुक्ति पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि आज कांग्रेस पार्टी में व्यक्तिवाद और परिवारवाद चल रहा है। इसे सुधारने की आवश्यकता है। आज कई हजारों युवा बिना स्वार्थ के सड़कों पर उतरकर आंदोलन करते हैं। लेकिन कभी पद के लिए उन्होंने अपनी इच्छा जाहिर नहीं की । आज उन्हें लोग संघर्ष से जानते हैं, लेकिन आने वाले समय में यदि संगठन का विस्तार करना है तो पार्टी में सुधार की आवश्यकता है। तब जाकर कांग्रेस मजबूत होगी। आज वरिष्ठ कांग्रेसी और पदाधिकारी सहित विधायकों को भी सड़कों पर आना होगा, तब जाकर जनता में उनका विश्वास बनेगा। लेकिन यह नेता सिर्फ मंचों से अपने भाषण तक ही सीमित है।
काम करने वाले कार्यकर्ताओं को भी मौका नई मिल रहा
जुगल शर्मा और महेश सहारे ने कहा कि उनके नेता राहुल गांधी जातिगत जनगणना की बात करते हैं , किंतु बालाघाट के कांग्रेस विधायको ने आज तक जातिगत जनगणना को लेकर कोई भी बयान नहीं दिया ना ही कोई धरना आंदोलन आज तक नही किया गया। आज कांग्रेस के चार विधायकों के होते हुए भी कांग्रेस कार्यालय की स्थिति खराब है। कार्यालय में पंखे नहीं है । उन्होंने कहा कि आज दो विधायक वालों के कार्यालय चमक रहे हैं। जिसका उदाहरण भाजपा कार्यालय है। आज कांग्रेस विधायक को चापलूसी और बढाई करने वाले लोग पसंद है। इस कारण आज वह कांग्रेस के छोटे पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को कोई नहीं पूछ रहा है । जो सांसद ,विधायक और जिला पंचायत के चुनाव लड़ते हैं वही लोग हार जाने के बाद , संगठन के पदों पर बिठा दिये जाते है । जबकि इस बात को लेकर ऊपर के नेताओं को सोचना चाहिए कि काम करने वाले कार्यकर्ताओं को भी मौका दिया जाए । यदि जबरदस्ती वरिष्ठ स्तर से किसी को भी जबरदस्ती कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर थोप दिया जाएगा तो कांग्रेस कार्यकर्ता और कांग्रेसी उसके साथ नहीं रहेंगे।
आज कांग्रेस विधायक भाजपा नेता का गुणगान करते है – उम्मेद लिल्हारे
वरिष्ठ कांग्रेसी उम्मेद लिल्हारे द्वारा भी सभा में अपनी बात रखते हुए कहा गया कि कांग्रेस कमेटी और विधायकों द्वारा जो कार्यक्रम करवाए जाते हैं, उसमें वह उनके एक मैसेज पर सभी पहुंच जाते हैं , किंतु आज मरने वालों की श्रद्धांजलि में तक कांग्रेस विधायक और कांग्रेस पदाधिकारी नहीं पहुंच पा रहे हैं, जो की बहुत ही दुर्भाग्य का विषय है। आज अनूपसिंह बैस और रहीम खान जिन्होंने यह कार्यक्रम आयोजित किया है, यह भी कांग्रेस के ही कार्यकर्ता और पदाधिकारी है तो फिर क्यों उनके बुलावे पर कांग्रेस विधायक सहित अन्य पदाधिकारी व ब्लॉक अध्यक्ष नहीं आए , क्या वह इन लोगों को कांग्रेसी नहीं मानते। ऐसे कई आरोप श्री लिल्हारे द्वारा ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष पर लगाये गये । उन्होंने कहा कि आज भाजपा में मौसम बिसेन का पूरे जिले भर में स्वागत हुआ, तो वही सम्राट सरस्वार को भी राज्य मंत्री का दर्जा मिला , तो किसी कांग्रेसी और किसी कांग्रेस विधायक ने उनका स्वागत नहीं किया और कहीं भी इसकी खबर जिले में नहीं है। यह कितना दुर्भाग्य का विषय है , उन्होंने कांग्रेस विधायकों की भी कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए और कहा कि आज भाजपा के कार्यक्रमों में समझ ही नहीं आता कि कांग्रेस के विधायक कौन से हैं और भाजपा के विधायक कौन से हैं । मुख्यमंत्री के जिले में आगमन पर यह वहां पर भाजपाई हो जाते हैं और मंच पर बैठ जाते हैं । मुख्यमंत्री इन कांग्रेस विधायकों की हाजिरी लेता है। जबकि इन्हें विपक्ष में होने के साथ स्थानीय मुद्दों को उठाकर मुख्यमंत्री को काला झंडा दिखाना चाहिए। पर यह विपक्ष की भूमिका नहीं निभाते। उन्होंने बालाघाट विधायक पर भी जमकर हमला बोला और कहा कि आज अनुभा मुंजारे कांग्रेस के वोटो से जीती है, लेकिन वह भाजपा के नेता, मंत्रियों का गुणगान करती है। उन्होंने कहा कि पहले यही गौरीशंकर बिसेन को शासकीय बंगला खाली करने को कहते थे , किंतु आज यही शासकीय बंगले में बैठे हैं । संजय उइके को भी कहा कि वह पिछले कार्यकाल में ही जिला अध्यक्ष बनने से मना करने की बात करते थे, किंतु इस बार पूरी तैयारी और संगठन में ड्रामा करते हुए अपनी नियुक्ति हिना कावरे के माध्यम से करवाई हैं । इन्हीं कांग्रेस विधायकों ने उनका समर्थन किया ,जबकि ऐसा नहीं होना था , काम करने वाले कार्यकर्ताओं को भी मौका दिया जाना था। हिना कावरे पर भी उन्होंने आरोप लगाया कि वह आज अपने पिता के समान उम्र वाले कांग्रेसियों को सम्मान नहीं दे रही है और गुमराह करते हुए संगठन में अपने हिसाब से नियुक्ति करवा रही है। जबकि राहुल गांधी स्वयं ही संगठन सृजन की बात करते हैं और यहां वही- वही लोगों को नियुक्त किया जाता है। उन्होंने कहा कि वह किसी के विरोध में नहीं है ,वह कांग्रेस के खिलाफ काम करने वाले लोगों के खिलाफ में है और इन सब व्यवस्थाओं को सुधार की आवश्यकता है। तब संगठन मजबूत होगा।
कांग्रेस के कार्यक्रम में कुर्सियां तक नहीं दी जाती – सम्राट सरस्वार
जिला पंचायत अध्यक्ष सम्राट सरस्वार ने अपनी भी तकलीफ बयाँ करते हुए बताया कि कांग्रेस में गुटबाजी उनके जिला पंचायत अध्यक्ष बनते ही शुरू हो गई थी , जबकि उन्होंने कभी किसी से गुटबाजी नहीं की । कहीं भी कांग्रेस के कार्यक्रम होते थे तो उन्हें कुर्सी तक नहीं दी जाती थी और कोई उन्हें कुर्सी नहीं देता था और उन्हें कोने में बैठना पड़ता था नही तो वह कुर्सी नहीं मिलने पर वहां से वापस चले जाते थे, ऐसी कई स्थित है जिन्हें आज सुधार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस में कुछ लोग अपनी लाइन बढ़ाने के लिए दूसरों की लाइन कम करते हैं , जो कि गलत है ।