चार गांवों के 400 से अधिक मजदूरों का इन दिनों अपना रोजगार छीनने तथा परिवार का भविष्य खतरे में जाता दिखाई दे रहा है। इसी बात से परेषान होकर उन्होंने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा और 1975 से जारी कार्य को निरंतर जारी रखने की मांग की। दरअसल, बालाघाट जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत पाद्रीगंज में स्थित स्थाई डिपो को प्रषासनिक स्तर पर बंद कर दिया है। इसके अलावा इस डिपो से इमरती काष्ठ को कनकी डिपो भेजा रहा है। विभागीय तौर पर लिए गए इस फैसले से 400 से अधिक परिवारों पर आर्थिक संकट छा गया है।
47 साल से चालू है डिपो
ज्ञापन सौंपने पाद्रीगंज से आए श्री भलावी और सरपंच निर्मला मड़ावी ने बताया कि पाद्रीगंज डिपो वर्ष 1975 से यानी पिछले 47 सालों स्थाई रूप से संचालित है, लेकिन इस वर्ष उक्त डिपो को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा यहां से कनकी डिपो में इमरती लकड़ियों की निकासी कराई जा रही है। पाद्रीगंज डिपो में सिर्फ जलाउ तथा बांस ही रखा गया है। इमरती लकड़ी नहीं गिरने से पाद्रीगंज के मजदूरों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।
हम बेरोजगार हो जाएंगेः श्री भलावी
इस संबंध में पाद्रीगंज से आए श्री भलावी ने बताया कि पाद्रीगंज डिपो से ही सैकड़ों मजदूरों के परिवार का भरणपोषण होता है। डिपो के हटने से हम मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे।
श्री भलावी, डिपो मजदूर
10 दिसंबर को हड़ताल की चेतावनी
ग्रामीणों व मजदूरों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा और साथ ही मांग पूरी न होने पर हड़ताल की चेतावनी भी दी। मजदूरों ने बताया कि अगर उनकी जायज मांगों को लेकर प्रषासनिक स्तर पर सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए तो आगामी 10 दिसंबर को उनके द्वारा हड़ताल की जाएगी।
पिछली शिकायत पर नहीं हुई कार्रवाईः नंदकिशोर बघेल
पाद्रीगंज डिपो में अब तक जलाउ लकड़ी के साथ इमरती लकड़ी भी गिराई जाती थी, लेकिन कुछ दिनों से सिर्फ जलाउ लकड़ी तथा बांस की ही ढुलाई की जा रही है। इमरती लकड़ी नहीं गिरने से यहां के सैकड़ों मजदूरों पर रोजगार का संकट छा गया है। पूर्व में भी इस संबंध में शिकायत की गई थी, लेकिन उस समय भी हमारी मांग पर कोई कदम नहीं उठाया गया था। इस बार अगर हमारी मांग नहीं मानी गई तो हमारे द्वारा आगामी दिनों में हड़ताल की जाएगी।
नंदकिशोर बघेल, ग्रामीण ग्राम पाद्रीगंज










































