आदिवासी समाज ने वीरांगना रानी दुर्गावती को किया याद

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वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। वारासिवनी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत वारा के वाराटोला स्थित रानी दुर्गावती चौक पर आदिवासी समाज के द्वारा २४ जून को वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम आदिवासी समाज के वरिष्ठ जनों की उपस्थिति में प्रारंभ किया गया। जिसमें बड़ा देव पूजा शोभायात्रा सामूहिक नृत्य एवं अन्य कार्यक्रम आयोजित कर सामाजिक भोज की भी किया गया। जहां उपस्थित जनों बताया कि गोंडवाना साम्राज्य की महारानी दुर्गावती एक महान रानी रही। जिसमें अपने शासनकाल में अनेकों बदलाव करते हुए मुगलों से जमकर युद्ध लड़ा और अंतिम समय में मुगलों का हाथ भी ना लगे इसलिए स्वयं के हाथों वीरगति को प्राप्त हो गई। उनका बलिदान दिवस पूरा देश मना रहा है इस अवसर पर प्रतिवर्ष अनुसार यह बलिदान दिवस कायक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें पूजा अर्चना कर माल्यार्पण के साथ बलिदान दिवस मनाया गया एवं महापुरुषों के बताएं मार्ग पर चलकर समाज को उन्नति और प्रगति करने की अपील की गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्वजातीय बंधु मौजूद रहे।
भव्य शोभायात्रा का हुआ आयोजन
वीरांगना रानी दुर्गावती बलिदान दिवस पर सुबह से भुमका के द्वारा बड़ा देव की पूजा अर्चना विधि विधान से की गई। जिसके बाद कलशो की शोभायात्रा निकाली गई यह शोभायात्रा रानी दुर्गावती चौक से प्रारंभ हुई। जो ग्राम के विभिन्न चौक चौराहा गलियों का भ्रमण करते हुए वापस रानी दुर्गावती चौक पर पहुंची जहां पर शोभायात्रा का समापन किया गया। इस दौरान वीरांगना रानी दुर्गावती अमर रहे जैसे उद्घोष लगाकर रानी दुर्गावती के कार्यों को लोगों तक पहुंचाने का कार्य किया गया। वहीं शोभायात्रा में वीरांगना रानी दुर्गावती की जीवंत झांकी आकर्षण का केंद्र रही। इस दौरान जगह जगह सामूहिक नृत्य रानी दुर्गावती और बिरसा मुंडा के ओजस्वी गीतों पर किया गया।

रानी दुर्गावती के बताये मार्ग पर चलकर समाज के लोगों को प्रेरित किया जा रहा है- मानसिंह परते

मानसिंह परते ने बताया कि वीरांगना रानी दुर्गावती बलिदान दिवस का आयोजन किया गया है। जिसमें रानी के बलिदान को याद कर उनकी वीरगाथा के बारे में आने वाली पीढ़ी को बताया गया। वहीं उनके बताये मार्ग पर चलकर देश और समाज के लिए काम करने के लिए समाज के लोगों को प्रेरित किया गया। यह कार्यक्रम पिछले ५० वर्षों से मनाया जा रहा है जिसमें इस वर्ष भी सुबह सामाजिक पूजा अर्चना की गई। इसके बाद शोभायात्रा निकालकर ग्राम का भ्रमण कर वीरांगना रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया तत्पश्चात सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किये गये। जिसमें सामाजिक गीतों पर लोगों के द्वारा जमकर नृत्य भी किया गया। कार्यक्रम के माध्यम से लोगों से अपील है कि वह एकता और भाईचारा बनाए रखें।

हमारा समाज पिछड़ा हुआ है हमे शिक्षित होना बहुज जरूरी है- कमलसिंह धुर्वे

कमल सिंह धुर्वे ने बताया कि रानी दुर्गावती गढ़ा राज्य की शासक महारानी थीं उनका जन्म ५ अक्टूबर १५२४ मृत्यु २४ जून १५६४ को हुई थी। उन्होंने गोंडवाना के राजा संग्राम शाह के बेटे राजा दलपत शाह से शादी की १५५० से १५६४ तक अपने बेटे वीर नारायण के अल्पवयस्क होने के दौरान गोंडवाना की संरक्षिका के रूप में कार्य किया। युध्द में जब उन्हें लगा कि वे बेहोश होने वाली हैं तो उन्होंने अपनी तलवार अपने सीने में घोंप कर बलिदान दिया। उन्होंने अकबर के खिलाफ तीन बार युद्ध लड़े आज उनका हर कोई बलिदान दिवस मना रहा है। इस अवसर समाज की उन्नति प्रगति के लिए लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है। जिसमें महिलाओं को यही संदेश देना चाहते हैं कि वह रानी दुर्गावती के मार्ग पर चले। इसके साथ सभी अपने बच्चों को शिक्षित बनाने के लिए प्रयास करें और उच्च शिक्षा की ओर भेजें हमारा समाज कई जगह पिछड़ा हुआ है। जब तक लोग शिक्षित नहीं होंगे अपने अधिकारों को नहीं जानेंगे वह आगे नहीं बढ़ सकते हैं इसलिए शिक्षित होना बहुत जरूरी है।

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