मध्य प्रदेश में इंदौर प्रशासन शहर के पॉश रेसीडेंसी एरिया में ‘लापता’ 300 एकड़ जमीन की तलाश कर रहा है। रेसीडेंसी कोठी जो कभी मध्य भारत में ब्रिटिश प्रशासन का ‘पावरहाउस’ हुआ करता था। रेकॉर्ड बताते हैं कि रेजीडेंसी एरिया 1,083 एकड़ में फैला हुआ है लेकिन एक सर्वेक्षण में केवल 750 एकड़ ही पाया गया है। कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार, यहां जमीन की दर आवासीय और व्यावसायिक दोनों तरह की संपत्तियों के लिए 80,000 रुपये प्रति वर्गमीटर है। बाजार दरें बहुत ज्यादा हैं।
फरवरी में सर्वे के दौरान सामने आई गड़बड़ी
भूमि में विसंगति तब सामने आई जब प्रशासन ने इस साल फरवरी में रेसीडेंसी का सर्वेक्षण शुरू किया ताकि इस प्रमुख और ऐतिहासिक भूमि के अधिकारों के नए रेकॉर्ड तैयार किए जा सकें। यह क्षेत्र सरकारी और निजी भूमि का मिश्रण है, लेकिन दस्तावेजों का रखरखाव ठीक से नहीं किया गया था, जिससे विवाद पैदा हुए और संपत्ति के इष्टतम उपयोग में बाधा उत्पन्न हुई।
दो ड्रोन से सर्वेक्षण हुए
पूरे इलाके का नक्शा बनाने के लिए दो ड्रोन सर्वेक्षण किए गए और ज्यादातर जमीन मालिकों ने मालिकाना हक के समर्थन में दस्तावेज जमा कर दिए हैं। जब अधिकारों के नए रेकॉर्ड की प्रक्रिया शुरू की गई, तो अधिकारियों को काफी कमियां नजर आने लगीं।