एनएसयूआई ने एनटीए का पुतला किया दहन

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नगर के दीनदयाल चौक पर 25 जून की दोपहर करीब 1:00 बजे अखिल भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के द्वारा नेशनल टेस्ट एजेंसी का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया गया। यह विरोध प्रदर्शन छात्र संगठन के द्वारा नीट के पेपर लीक और नेट की परीक्षा रद्द होने के खिलाफ करते हुए शासन से छात्र-छात्राओं के मानसिक एवं आर्थिक हानी की भरपाई करने की मांग की गई। इस दौरान एनएसयूआई के द्वारा शंकर साव पटेल शासकीय महाविद्यालय वारासिवनी परिसर से एनटीए के पुतले की रैली निकाली गई। जो नगर के चौक चौराहा का भ्रमण करते हुए दीनदयाल चौक पहुंची जहां पर छात्र-छात्राओं के द्वारा पुतले का दहन किया गया। इस दौरान छात्र-छात्राओं के द्वारा शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जवाब दो जवाब दो पेपर लीक के दोषियों को सजा हो सजा हो जैसे विभिन्न प्रकार के नारे लगाए गए। इस दौरान विषम परिस्थितियों से निपटने व शांतिपूर्ण प्रदर्शन करवाने पुलिस मुस्तादी से विद्यार्थियों के साथ उपस्थिति रही।

यह है मामला

ऑल इंडिया स्तर पर भारत सरकार के द्वारा एनटीए एजेंसी के माध्यम से परीक्षा संपन्न करवाई जाती है। जिसमें चयनित विद्यार्थियों का चयन विभिन्न प्रकार की शिक्षा अध्ययन अध्यापन में किया जाता है। ऐसे में ऑल इंडिया स्तर पर लगातार छात्र-छात्राओं के द्वारा आर्थिक छाती उठाते हुए कठिन मेहनत कर तैयारी की जाती है परंतु बीते दिनों नीट की परीक्षा के बाद अचानक पेपर लीक का मामला सामने आया। जिसमें सरकार के ऊपर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया वही इसी के चलते यूजीसी नेट की परीक्षा संपन्न होने के बाद उसे भी रद्द कर दिया गया क्योंकि यह दोनों परीक्षा एनटीए के द्वारा आयोजित करवाई गई थी। जबकि पहली बार नेट की परीक्षा ओएमआर शीट पर आयोजित हुई थी इसके बाद भी यह पेपर लीक और पेपर रद्द होने के कारण छात्र-छात्राओं की मेहनत पानी में चली गई है तो वहीं उन्हें आर्थिक व मानसिक हानी भी उठानी पड़ी है। ऐसे में इस पूरे मामले में वर्तमान सरकार के कार्यकर्ता एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के भी नाम आ रहे हैं जिसको लेकर युवाओं में काफी आक्रोश भरा हुआ है। इसी के चलते हर जगह पुतला दहन कार्यक्रम हो रहे हैं और लोग अपना आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं। इसी कड़ी में नगर के दीनदयाल चौक पर पुतला दहन कर विद्यार्थियों के द्वारा शासन की भर्ती प्रक्रिया एवं परीक्षा प्रक्रिया के खिलाफ आक्रोश व्यक्त कर न्याय की गुहार लगाई गई है। बताया जाता है कि यह पहला मामला नहीं है बीते करीब 5 वर्षों में 43 परीक्षाएं पेपर लीक के कारण रद्द की गई है या कोई कार्यवाही ही नहीं की गई है और कुछ में जांच भी चालू है ऐसे में करीब 2 करोड़ छात्र-छात्राओं के भविष्य पर यह एक प्रहार के रूप में देखा जा रहा है।

एनएसयूआई महाविद्यालय प्रभारी ऋषभ सहारे ने पदमेश से चर्चा में बताया कि भारत में पिछले 5 वर्षों में 43 परीक्षा पेपर लीक के कारण खराब हुई है वही अभी नीट का पेपर लीक हुआ है और अभी कुछ दिनों पहले यूजीसी नेट की हुई परीक्षा भी रद्द कर दी गई है। इन सब में भाजपा के लोगों के शामिल होने के बारे में कहा जा रहा है और आए दिन ऐसे पेपर लीक हो रहा है अब तो पूरे देश में मात्र एक संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा बची है परंतु अभी सुनने में आ रहा है कि ओम बिरला की लड़की आईएएस बिना परीक्षा दिए बनी है। यह क्या चल रहा है एक तरफ गरीब और मध्यम वर्ग परिवार मेहनत कर रहा है और यह लोग पेपर लीक कर पैसा कमाने का काम चला रहे हैं इसमें एक करोड़ 75 लाख छात्र-छात्राओं को इनकी नाकामी से प्रभावित होना पड़ा है। हम चाहते हैं कि पेपर लीक करने वालों पर कठोर कार्यवाही हो और पुनः पेपर लिया जाये।

एनएसयूआई पदाधिकारी सुमित बंसोड़ ने पदमेश से चर्चा में बताया कि अभी ऑल इंडिया स्तर पर आयोजित नीट की परीक्षा का पेपर लीक हुआ है इसका हम विरोध करते हैं और छात्र एकता के माध्यम से हमारे द्वारा हर स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। अब हमारे शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को इसका जवाब देना चाहिए कि ऐसा क्यों हो रहा है यह पेपर लीक और परीक्षा रद्द होने से छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी हो रही है। मध्यम वर्ग और गरीब वर्ग मेहनत कर बड़ी मुश्किल से परीक्षा का फॉर्म डालता है और उसमें भी ऐसा होने से छात्र- छात्राओं को मानसिक और आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है। ऐसे में इसकी भरपाई कौन करेगा क्योंकि हर कोई अपने घर का संपन्न नहीं होता है।

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