शंकर साव पटेल शासकीय महाविद्यालय वारासिवनी नगर का ही नहीं जिले का दूसरा सबसे बड़ा महाविद्यालय है। जहां करीब 5000 से अधिक छात्र-छात्राएं शिक्षा अध्ययन करने के लिए प्रतिदिन आते हैं। ऐसे में उक्त महाविद्यालय में इस गर्मी में शीतल पेयजल की व्यवस्था नहीं होने से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ठंडे पानी के लिए इधर-उधर होटल एवं ठेले में भटकना पड़ रहा है। जबकि महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं को शीतल पेयजल उपलब्ध कराने के लिए करीब आधा दर्जन वाटर कूलर लगाए गए हैं परंतु वह वर्तमान में बंद पड़े हुए हैं महाविद्यालय में विभिन्न स्थानों पर रखे यह वॉटर कूलर शोभा की सुपारी बनकर शान बढ़ा रहे हैं जिसमें ना ही ठंडा पानी निकल पा रहा है और कुछ में से तो पानी ही नहीं निकल रहा है। इस प्रकार सभी बंद पड़े हुए हैं जबकि यह स्थिति को करीब एक वर्ष हो गया है जिसे आज तक सुधार कर चालू करने पर महाविद्यालय प्रशासन के द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया है। जिसको लेकर छात्र-छात्राओं के द्वारा महाविद्यालय की शोभा बड़ा रहे खराब पड़े वाटर कूलर को सुधार कर शीतल पेयजल की व्यवस्था बनाने की मांग की जा रही है।
दूर-दूर से आते हैं विद्यार्थी
उक्त महाविद्यालय वारासिवनी खैरलांजी कटंगी तिरोड़ी लालबर्रा क्षेत्र का एक बड़ा महाविद्यालय है जहां इस क्षेत्र से सैकड़ो छात्र-छात्राएं प्रतिदिन महाविद्यालय में शिक्षा अध्ययन करने के लिए बड़ी संख्या में आते हैं। तो वहीं बालाघाट के भी कई छात्र-छात्राएं इस महाविद्यालय में आते हैं जिसमें अधिकांश विद्यार्थी ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं जो रोजाना 5 किलोमीटर से 25 किलोमीटर की दूरी तक तय कर महाविद्यालय में सुबह से आ जाते हैं। ऐसे में वह घर से भी पानी लेकर आते हैं परंतु वर्तमान में जैसा गर्मी का भीषण दौर चल रहा है इसमें ज्यादा देर तक पानी ठंडा नहीं रह पाता है इसके बाद उन्हें महाविद्यालय में या महाविद्यालय के बाहर ठंडे पानी को ढूंढना होता है। जबकि महाविद्यालय में पानी ठंडा करने के लिए मशीन लगी हुई है परंतु वह भी आप पूरी तरह बंद पड़ी होने से छात्र-छात्राओं को इतनी तेज गर्मी में पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
वाटर कूलर में आता है करंट
छात्र-छात्राओं को शीतल पेयजल उपलब्ध कराने के लिए वाटर कूलर लगाए गए हैं जो पूरी तरह बंद पड़े हुए हैं परंतु इस दौरान देखने में आता है कि प्राचार्य कक्ष के बाहर कंप्यूटर रूम के सामने एक वाटर कूलर रखा हुआ है और दूसरा वाटर कूलर महाविद्यालय में पीछे की ओर लगा हुआ है जिसमें चालू करने पर करंट आ रहा है। हालांकि किसी छात्र-छात्राओं को यह करंट लगा तो नहीं है परंतु बताया जाता है कि महाविद्यालय के बाबू को कंप्यूटर रूम के सामने लगे फ्रीजर में करंट लग चुका है। इसके बाद से इन्हें बंद रखा गया है जिसके लिए महाविद्यालय ने इलेक्ट्रीशियन से चर्चा की तो उसके द्वारा महाविद्यालय की पुरानी बिल्डिंग में अर्थिंग ना होना कारण बताया जा रहा है ऐसे में यह एक बड़ी समस्या बनी हुई है। इस दौरान देखने में आता है कि छात्र-छात्राएं कंप्यूटर कक्ष के सामने लाइब्रेरी एवं सामूहिक पानी पीने के स्थान पर ही बड़ी संख्या में पानी पीने के लिए जाते हैं परंतु यह तीनों स्थान पर वाटर कूलर बंद पड़े हुए हैं।
छात्र बादल बंसोड़ ने बताया कि महाविद्यालय में अनेकों प्रकार की समस्या बनी हुई है किंतु गर्मी को देखते हुए पानी की समस्या मुख्य है जिसका समाधान अभी तक नहीं हो पाया है। इसके लिए महाविद्यालय प्राचार्य और बाबू को भी बोला गया है किंतु किसी के द्वारा इस पर कार्यवाही नहीं की गई है और ना ही ध्यान दिया जा रहा है। ऐसे में महाविद्यालय के छात्र-छात्रा परेशान हो रहे हैं जबकि यह क्षेत्र का बड़ा महाविद्यालय है जहां दूर-दराज से छात्र छात्राएं शिक्षा अध्ययन करने के लिए आते हैं उन्हें पानी की समस्या बनी हुई है। पानी की एक मूलभूत आवश्यकता है गर्मी का समय है पीने का ठंडा पानी कहीं भी नहीं मिल रहा विद्यार्थियों को परेशान ही होना पड़ रहा है। जबकि महाविद्यालय को समस्या है तो उसका समाधान करना चाहिए परंतु इन्होंने वाटर कूलर को दिखावे के लिए रखा है चालू एक भी नहीं है और ना ही ठंडा पानी दे रहे हैं। जबकि यह समस्या बीते एक दो महीने की नहीं वर्ष भर की समस्या हो गई कि बंद पड़े हैं हम चाहते हैं कि सभी को मूलभूत सुविधा मिले।
छात्र सुजल मेश्राम ने बताया कि हम भी छात्र हैं रोजाना महाविद्यालय में शिक्षा अध्ययन करने के लिए आते हैं परंतु यहां हम विभिन्न समस्याएं देखते हैं जिसमें हमारे मुख्य समस्या पीने के पानी की है। क्योंकि बहुत ज्यादा गर्मी है धूप से हम आते हैं ठंडा पानी यदि मिल जाता है तो बहुत अच्छा होता है परंतु यहां पर वह भी नसीब नहीं हो रहा है। जबकि दो मुख्य वाटर कूलर है एक ऑफिस के सामने और दूसरा पीछे लगा हुआ है यहां से हर कोई पानी पीता है परंतु वह बंद पड़े रहते हैं और कभी-कभी चालू भी होते हैं तो ठंडा पानी नहीं मिलता लाइब्रेरी का वाटर कूलर बंद पड़ा हुआ है। हमारे द्वारा अभी बोला गया था तो देखते हैं कहा गया है महाविद्यालय प्रशासन ने परंतु कुछ हुआ नहीं समस्या यथावत बनी हुई है हम चाहते हैं कि जब हजारों रुपए से संसाधन खरीदे गए हैं तो उसका लाभ छात्र-छात्राओं को मिलना चाहिए।
इनका कहना है
महाविद्यालय के वाटर कूलर चालू है कुछ बंद है तो बंद वालों को सुधारने का कार्य किया जा रहा है परंतु पानी तो मिलता हुआ दिख रहा है और जो करंट आने की बात है तो उसके संबंध में स्टाफ को इलेक्ट्रीशियन से दिखाकर आवश्यकता अनुसार स्टीमेट तैयार करने की बात कही गई है।
प्रवीण श्रीवास्तव प्राचार्य
शंकर साव पटेल शासकीय महाविद्यालय वारासिवनी










































