कांग्रेस मप्र में विधानसभा चुनाव की तैयारी और आदिवासियों के बीच पैठ मजबूत करने में जुटी

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आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी और आदिवासियों के बीच पैठ को मजबूत करने में कांग्रेेस जुट गई है। बुधवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सहयोगी संगठन अनुसूचित जनजाति विभाग के कामकाज की प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने समीक्षा की। इस दौरान आदिवासी वर्ग के विधायकों ने कहा कि हमें माइक्रो मैनेजमेंट करना होगा। संगठन में आदिवासियों को पर्याप्त हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। कमल नाथ ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि आगे आने वाले समय में यह होता हुआ दिखाई देगा। भाजपा आदिवासियों को गुमराह कर रही है पर आज के युवा समझदार हैं, वे इनके बहकावे में आने वाले नहीं हैं।

बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने अनुसूचित जनजाति वर्ग के विधायक, जिला और ब्लाक कांग्रेस के अध्यक्षों की बात सुनी। इस दौरान विधायक हीरालाल अलावा ने कहा कि मत विभाजन रोकने के हमें संजीदगी से काम करना होगा। कुछ छोटे दलों को आगे ही इसलिए बढ़ाया जाता है कि वे वोट काट सकें। इसके लिए माइक्रो मैनेजमेंट करना होगा। सभी विधायकों ने इसका समर्थन किया और संगठन में पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिए जाने की बात उठाई

अनुसूचित जनजाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष अजय शाह ने बताया कि बड़वानी में आदिवासी सम्मेलन करने के बाद अब महाकोशल और विंध्य में सम्मेलन किए जाएंगे। ग्राम चौपाल, जन जागरण के लिए कार्यक्रम लगातार संचालित हो रहे हैं। भाजपा द्वारा जो भ्रम फैलाया जा रहा है, उसे दूर करने के लिए गांव-गांव जाना होगा। भाजपा आदिवासी हितैषी होने का दावा करती है पर फग्गन सिंह कुलस्ते को आज तक केंद्रीय मंत्री नहीं बनाया। राज्य के मंत्री विजय शाह को जबलपुर में जनजातीय वर्ग के लिए आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने से ही रोक दिया जाता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने कहा कि भाजपा सिर्फ वोट की राजनीति करती है। चुनाव नजदीक आते ही भाजपा नेताओं को आदिवासी समाज की याद आने लगती है लेकिन यह वर्ग एकजुट है और आगामी चुनाव में अपनी ताकत का अहसास भी करा देगा।

वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा कि देश की आजादी में आदिवासी वर्ग का योगदान किसी से छिपा नहीं है। कांग्रेस हमेशा से ही उन्हें याद करती रही है। प्रदेश में कांग्रेस की 15 माह की सरकार के दौरान आदिवासी वर्ग के उत्थान के लिए कई योजनाएं बनाईं। भाजपा और उसके नेताओं की सोच कभी भी आदिवासियों का भला करने की नहीं रही है। यही वजह है कि वह आदिवासी वर्ग को गुमराह किया जा रहा है। हाल ही में जनजातीय गौरव दिवस पर आयोजित महासम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आए थे पर उन्होंने भी आदिवासियों के सुख-दुख पर बात नहीं की। आदिवासी वर्ग के एक भी मंत्री को बोलने का मौका तक नहीं दिया। इस मौके पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के पदाधिकारी रामबगस सिंह मरकाम और हरिहर सिंह श्याम ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

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